जब “पहाड़ों की रानी” से मिलने साइकिलों पर निकला देहरादून
Mussoorie Winter line Carnival 2023
राजेश पांडेय। देहरादून
62 साल के विनोद सकलानी, जो India Post Department से सेवानिवृत्त हैं, देहरादून से मसूरी तक साइकिल से पहुंचे हैं। यह उनकी साइकिल से पहली Mussoorie visit नहीं है, पहले भी कई मर्तबा आ चुके हैं। किसी Young cyclist की तरह उत्साही विनोद सकलानी कहते हैं, मैं Mussoorie Winter Line Carnival 2023 में cycling Event को लेकर काफी उत्सुक हो रहा था. आखिरकार मुझे इसमें शामिल होने का मौका मिल गया।
30 दिसम्बर की सुबह छह बजे मसूरी डायवर्जन पर मसूरी विंटर कार्निवाल 2023 के सहारे पर्यटन को गति देने के लिए साइकिल राइडिंग की तैयारियां हो रही हैं। मौसम में ठंडक है और अंधेरा अभी पूरी तरह नहीं छंटा है। पहाड़ी पैडलर्स के संस्थापक गजेंद्र रमोला, साहसिक गतिविधियों के जानकार अजय कंडारी, विक्रम फर्स्वाण, अरुण कुमार, सिद्धार्थ थपलियाल डायवर्जन पर टीम के साथ पहुंचकर तैयारियों में व्यस्त हो गए।
कुछ ही देर में राइडर्स आना शुरू हो गए। इनमें युवा हैं, सीनियर सिटीजन हैं, और बेटियां भी। ये सभी देहरादून शहर और आसपास के इलाकों में नियमित रूप से साइकिल चलाते हैं।
कुछ ही देर में पहुंचता है मोटर बाइक सवारों का दल। गजेंद्र बताते हैं, जब भी साइकिल एक्पीडिशन होते हैं, wanderers सपोर्ट के लिए आते हैं। वो चाहते हैं कि साइकलिस्ट का अभियान बिना किसी दिक्कत के सुरक्षित संपन्न हो सके। वो साइकलिस्ट को ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने में, रोड सेफ्टी के लिए प्रोटेक्शन देते हैं और साइकलिस्ट से आगे, उनके साथ और सबसे पीछे चलते हैं।
wanderers को लीड कर रहे सिद्धार्थ बताते हैं, पिछले दस साल में हम सभी ने मोटर बाइक की सवारी को एक नई पहचान दी है। हम बहुत कूल राइडर्स हैं, जो ट्रैफिक के सभी रूल्स को फॉलो करते हैं। हमारी टीम में, शामिल होने वाले नये मेंबर के लाइसेंस सहित बाइक सभी पेपर्स चेक किए जाते हैं। हम सभी युवाओं से अपील करते हैं, प्लीज ट्रैफिक रूल्स फॉलो करो।
ठंडे मौसम में चाय की चुस्कियों ने मैनेजिंग टीम और राइडर्स के उत्साह को और बढ़ा दिया। एक स्टॉल पर रवीना नेगी और शीशा चौहान, अनिकेत, राजा रस्तोगी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, राइडर्स को अलग-अलग कलर्स की जैकेट दी जा रही हैं और दूसरे स्टॉल पर हिमालयन होम ग्रोन के टीम मेंबर संदीप नेगी और शुभम हनी मिक्स टी की पेशकश कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस सेवा और उत्तराखंड पुलिस भी स्टार्टिंग प्वाइंट डायवर्जन पर सुरक्षा के लिए मुस्तैद हैं। पहाड़ी पैडलर्स के डायवर्जन पर टीम के साथ पहुंचकर तैयारियों में व्यस्त हो गए। सीनियर्स सभी साथियों को लगभग 30 किमी. के खास अभियान की बारीकियों और सुरक्षा मानकों की ब्रीफिंग कर रहे हैं। उनका कहना है, बिना हेलमेट अभियान में शामिल होने की इजाजत नहीं है। किन प्वाइंट पर रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था है। सड़क पर एक साइकिल राइडर का व्यवहार क्या होना चाहिए, उनको किन नियमों को पालन करना चाहिए, ब्रीफिंग में समझाया जा रहा है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह Cycling expedition की शुरुआत कराने के लिए पहुंचे हैं। एसएसपी ने इस खास सफर के शुभारंभ से पहले सभी राइडर्स को बेहतर नागरिक एवं मतदाता बनने का संकल्प दिलाया। साथ ही, उन्होंने सभी से ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने की अपील की।
एसएसपी के फ्लैग ऑफ करते ही, सबसे पहले वांडरर्स मोबाइक पर आगे बढ़े और पीछे निकला रंग बिरंगी साइकिलों का काफिला…, वाह क्या नजारा है। लगता है, देहरादून किसी शानदार सफर पर आगे बढ़ रहा है और आह्वान कर रहा है, मुझे मुक्त कर दो जलते ईंधन के काले धुएं से, साल दर साल बढ़ती गर्मी से, शोर से…।
साइकिल की सवारी, वो भी देहरादून से लेकर मसूरी तक, उत्साह इतना कि बस पूछो मत। यूथ से लेकर सीनियर सिटीजन तक साइकिलों पर मसूरी के सफर पर हैं। मसूरी पहाड़ों की रानी है तो दून घाटी भी अपनी हर सुबह और शाम किसी दुल्हन सी चमचमाते जगमगाते लिबास में नजर आती है। दून की सुहानी सुबह और जगमगाती शाम का दीदार करना कोई भला क्यों नहीं चाहेगा।
मुझे तो एक बार ऐसा लगा कि युवा देहरादून कुछ अनुभवी लोगों के साथ सुबह सुबह पहाड़ों की रानी का दीदार करने के लिए साइकिलों पर चल पड़ा है। कहीं थोड़ा तेज और कहीं धीमे-धीमे, कहीं चढ़ाई पर तो कहीं ढलान पर रंग बिरंगी साइकिलों के साथ सुबह छह बजे देहरादून के मसूरी डायवर्जन से शुरू हुआ यह शानदार सफर।
तो भी देरी किस बात की है, हमारे साथ चलिए साइकिल की उस यात्रा पर, जो हमारे इर्द गिर्द हो रहे सामाजिक और आर्थिक बदलावों को दिखाती है, जो हरियाली से कंक्रीट में तब्दील हो रहे पहाड़ों को दिखाती है और जो यह बताने के लिए काफी है कि हमने अपनी आबोहवा को कितना सुरक्षित किया है, अपने लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए…
राइडर्स को लीड करने वाली टीम में मनोज मल्ला, पीयूष अरोड़ा, सौरभ नेगी शामिल हैं। महिला राइडर्स को अंजलि भंडारी, रितिका सेमवाल, मेघा सपोर्ट कर रहे हैं। पीछे चलने वाले राइडर्स को जयदीप कंडारी व नितिन क्षेत्री का सहयोग मिल रहा है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के विंटर लाइन कार्निवाल में साइकिल एक्सपीडिशन को पहाड़ी पैडलर्स के बेहतर प्रबंधन का साथ मिला। लगभग 30 किमी. लंबी यात्रा में साइकिल सवारों के रिफ्रेशमेंट के लिए जगह-जगह प्वाइंट बनाए गए। जहां उनके पहुंचने से पहले ही रिफ्रेशमेंट की व्यवस्था कर दी गई। पानी वाला मोड़, जेपी मोड़ और भट्टा फाल में मेरू पहाड़ पर खानपान का अरेजमेंट किया गया।
मेरू पहाड़ एक रिजॉर्ट है, जो पर्वतीय गांव की मिट्टी की खुश्बू और अपने खास अंदाज के साथ पर्यटकों का स्वागत करता है। यह पहाड़ के गांव, संस्कृति, खानपान और परंपरा को याद करने का भरपूर मौका देता है। यहां से दिखता है, खास प्राकृतिक नजारा, जो हमेशा यादों में रहेगा, इसकी गारंटी दी जा सकती है। आपको अपने गांव को महसूस करना है तो यहां कुछ समय बीता सकते हैं। मेरू पहाड़ में साइकिल यात्रियों ने हल्का फुल्का नाश्ता किया और फिर कुछ देर आराम करना तो बनता है।
65 राइडर्स इस खास मौके पर भागीदारी कर रहे हैं, पर 30 किमी., वो भी पहाड़ पर साइकिल से चढ़ना कोई आसान टास्क नहीं है। जो रास्ते में थकान महसूस कर रहे हैं, उनकी मदद के लिए, साइकिल सहित उनको साथ लेकर चलने के लिए वाहन की व्यवस्था है। एक वाहन में रिफ्रेशमेंट प्वाइंट बनाने का सामान, फल, चॉकलेट, पानी, जूस, नमकीन बिस्किट्स लेकर पहाड़ी पैडलर्स की टीम चल रही है। वाह, यह व्यवस्था बेहद शानदार है। हर प्वाइंट पर सबसे पीछे चलने वाले राइडर्स का इंतजार किया जा रहा है। वॉकी टॉकी कम्युनिकेशन पूरी टीम को जोड़े है।
साइकिल वाली धीमी गति से चलने पर ही आप देख सकते हैं बदलते पहाड़ों और घाटियों को, जिनकी हरियाली पर सीमेंट की चादरें बिछ रही हैं। यहां पर्यटकों के स्वागत और शानदार आबोहवा की खातिर खड़ी की गईं बड़ी-बड़ी इमारतें विकास का पैमाना बन रही हैं। समझ में नहीं आ रहा, अपना मसूरी कहां तक फैल गया। दूर तक नजर जाती है तो पहाड़ पर सीना तानें खड़ी इमारतें ही दिखती हैं।
पर, कुछ भी हो मसूरी का मोह कम नहीं हो सकता है। यहां ठंडी हवाओं का स्पर्श अपनेपन का अहसास कराता है। माल रोड पर विंटर लाइन कार्निवाल चल रहा है और स्टाल सजे हैं। समर ही नहीं विंटर में भी लुभाने वाली मसूरी में पर्यटकों की आमद है। लोग इस मौसम की बर्फबारी का अनुमान लगा रहे हैं।
साइकिलों ने मसूरी में प्रवेश किया और फिर गांधी चौक से होते हुए माल रोड पर आगे बढ़ गईं। बाइकर्स पूरे रास्ते साथ रहे और फिर कुछ देर रुकने के बाद एसडीएम मसूरी के फ्लैग ऑफ करते हुए साइकिल सवारों का दल शहर का चक्कर लगाने के लिए निकला। साइकिल यात्रा झूलाघर पर हमारी आन-बान और शान राष्ट्रीय ध्वज के साये में संपन्न हुई।