Blog Live

आज वह खुश है जिंदगी से

आपसे एक घटना शेयर करना चाहता हूं, जो मुझे उस समय अचानक याद आ गई, जब मैंने उस युवा को चौक बाजार में अपना व्यवसाय करते हुए देखा। वह जब भी मिलता है, हमेशा आभार जताता है, उस रात उसकी और मेरी बातचीत के सकारात्मक निष्कर्ष का। उस समय वह 18-20 साल का होगा। 

रात के करीब दो बजे होंगे, मैं ड्यूटी से लौट रहा था। घर से पहले रेलवे क्रासिंग के पास मुझे वह मिल गया, जिसका जिक्र मैंने अभी किया था। फाटक बंद था और किसी ट्रेन या मालगाड़ी ने आना था। 

मैंने उससे पूछा, यहां क्या कर रहे हो। उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैं उसको पहले से जानता था, इसलिए उसके इस व्यवहार पर मुझे कुछ शक हुआ। मैंने फिर पूछा, भाई यहां क्या कर रहे हो, घर जाओ। क्या बात हो गई। तुम्हें पहले कभी इतनी रात को सड़क पर नहीं देखा। क्या बात है, मुझे बताओ। कोई दिक्कत है तो खुलकर बात करो। मैं तब तक यहां से नहीं जाने वाला, जब तक कि यह पता नहीं चल जाता कि तुम यहां क्यों खड़े हो। मैंने उसे समझाने की कोशिश की, अगर किसी विश्वास के व्यक्ति को अपनी समस्या बता देते हैं, तो समाधान हो जाता है या कोई न कोई रास्ता निकल आता है। 

काफी कुरेदने पर उसने मुझे समस्या तो नहीं बताई, पर इतना जरूर कहा, मैं अब जिंदा नहीं रहना चाहता। बहुत दुखी हो गया हूं। उसकी बात से मुझे यह समझते देर नहीं लगी कि वह यहां फाटक पर क्या करने आया है। मैंने तय कर लिया कि कुछ भी हो जाए, इसको पहले घर छोड़ा जाए। 

मैंने उसे यह समझाने की कोशिश करने लगा कि अगर वह जिंदा नहीं रहेगा तो क्या समस्या भी खत्म हो जाएगी। समस्या तो बनी रहेगी और यह ज्यादा बढ़ जाएगी। फिर यह तुम्हारे परिवार को और ज्यादा परेशान करेगी। दोस्त, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है, जो दूर नहीं हो सकती। हर समस्या का समाधान है। 

काफी समझाने के बाद वह घर चलने को राजी हो गया। उसको उसके घर ले गया। वह अपनी नानी के पास रह रहा था। पता चला कि वह चुपचाप घर से निकला था। तब तक ट्रेन या मालगाड़ी भी क्रासिंग से आगे बढ़ चुकी थी।

यहां इस घटना का जिक्र करने का उद्देश्य यह बताना नहीं है कि मैंने कोई बड़ा काम कर दिया। मैं तो केवल यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि जो बात आपको ज्यादा परेशान कर रही है, उसका जिक्र उस व्यक्ति के साथ जरूर करें, जिसे अपने ज्यादा करीब और विश्वस्त मानते हैं। समस्याओं को लेकर घुटते रहने से कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा। अपनी बात जरूर शेयर करें, फिर तय मानिए समाधान निकलेगा। 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button