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तीन साल से पैदल चल रहा 21 साल का युवा पहुंचा पद्मश्री रावत जी के घर

अब तक भारत, बांग्लादेश, नेपाल में लगभग दो हजार किलोमीटर पैदल चल चुका है

देहरादून। मेरे मोबाइल की घंटी बजी, मैंने मोबाइल जैसे ही कान पर लगाया, उधर से किसी युवक की आवाज सुनाई दी।

“मैं रोहन अग्रवाल हूं। नागपुर महाराष्ट्र का रहने वाला हूं। पदयात्रा कर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा हूं। मैं आपसे मिलना चाहता हूं।”

मैंने उन्हें घर तक पंहुंचने के लिए लोकेशन भेज दी। सांय 8 बजे भारी ठंड और धुंध में वह 21 वर्षीय युवा मेरे घर को खोजते हुए पंहुच गया। गर्मा-गर्म चाय की चुस्कियों के बीच मैंने उनके बारे में जानना चाहा।

रोहन ने बताया कि “वह तीन साल से पैदल यात्रा कर रहा है। अब तक लगभग दो हजार किलोमीटर चल चुका है। प्लास्टिक के दुष्प्रभावों, विश्व बन्धुत्व तथा पर्यावरण जागरूकता के लिए स्कूलों, संस्थानों, लोगों से बात कर रहा है।”

“अब तक 27 राज्यों, बांग्लादेश के 64 जिलों, नेपाल की यात्रा कर चुका है। उसका इरादा लगातार पांच साल तक चलकर 26 देशों को पार करते हुए साइबेरिया के सबसे ठंडे प्रदेश ओमियाकोन तक पंहुंचाना है, जहां का तापक्रम -72 डिग्री सेल्सियस के लगभग रहता है। वह वहां पहुंचकर दक्षिण एशिया का पहला व्यक्ति बनना चाहता है। उसके पांव में हल्का दर्द हो रहा था, मैंने उसे गर्म पानी दिया तथा सेंक करने को कहा। खाना खाने के बाद उसने रात को अपनी यात्रा की कई रोचक संस्मरण सुनाए।”

युवक ने पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कहा- आप भी सुनिए

सुबह नाश्ते के बाद मैंने उन्हें मसूरी के लिए रवाना किया। इस साहसिक मेहमान को हमारे भूतपूर्व प्रधानाचार्य श्री राम सिंह खत्री जी के हाथों माला तथा शाल ओढ़ाकर कर सम्मान किया गया। रोहन के विरोध करने के बावजूद मैंने उन्हें कुछ आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया, ताकि समय पड़ने पर वह उसके काम आ सके। वह उत्तराखंड के सभी जनपदों की पैदल यात्रा करके नेपाल के कुछ भागों का भ्रमण कर टनकपुर के रास्ते भारत आ जाएगा। फिर आगे की यात्रा शुरू करेगा।

साभार- पद्मश्री कल्याण सिंह रावत जी की फेसबुक वॉल 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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