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“इन्वेस्ट इन उत्तराखंड” मिशनः रोड शो के लिए चेन्नई पहुंचे सीएम धामी

रोड शो में मुख्य रूप से हेल्थकेयर, फार्मा, एनर्जी सेक्टर पर फोकस किया जाएगा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में आगामी आठ और नौ दिसंबर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा गुरुवार को चेन्नई में आयोजित किए जाने वाले रोड शो में शामिल होंगे।

“इन्वेस्ट इन उत्तराखंड” मिशन के तहत रोड शो के लिए ‘चेन्नई’ एयरपोर्ट पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी का तमिलनाडु के भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ चेन्नई के महात्मा गांधी रोड स्थित होटल ताज कोरोमंडल में विभिन्न सेक्टर्स से जुड़े निवेशकों के साथ संवाद करेंगे। इस रोड शो में मुख्य रूप से हेल्थकेयर, फार्मा, एनर्जी सेक्टर पर फोकस किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के साथ उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और सौरभ बहुगुणा भी इस रोड शो में प्रतिभाग करेंगे। सरकार अब तक देश एवं विदेश के विभिन्न उद्योग समूहों के साथ कुल 54 हजार 550 करोड़ के इन्वेस्टमेंट का एमओयू साइन कर चुकी है।

रोड शो से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम को पीस टू प्रोस्पेरिटी रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित है। राज्य में 3 फार्मा क्लस्टर है जिनमें 300 से अधिक उद्योग कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार इन्वेस्टर्स फ्रेंडली माहौल के लिए पॉलिसी रिफॉर्म्स कर चुकी है। अभी तक देश और विदेशों से इनवेस्टर्स समिट को लेकर बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। उद्यमी उत्तराखंड में निवेश के लिए उत्साहित हैं।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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