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ग्रेफेन का टैटू करेगा हेल्थ की मानिटरिंग

टेक्सास विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य की निगरानी के लिए ग्रेफेन आधारित टैटू विकसित किया गया है, जो पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की तरह है। इस अस्थायी टैटू को पानी से साफ किया जा सकता है। यह कलात्मक या रंगीन डिजाइन का दिखने के बजाय लगभग पारदर्शी है। यह टैटू एक तरह का सेंसर है, जो हृदय, मस्तिष्क की गतिविधियों को मानिटर करेगा।  

इसका मुख्य आकर्षण ग्रेफेन के अनूठा इलेक्ट्रॉनिक गुण है, जिसका बॉयोमीट्रिक उपयोग किया जा सकता है। इसकी मदद से हृदय, मस्तिष्क और मांसपेशियों की विद्युत गतिविधियों को मापा जा सकेगा। साथ ही मानव और मशीन के बीच परस्पर क्रियाओं के लिए इसके इस्तेमाल की संभावनाएं हैं। यह टैटू जैसा एक पहनने योग्य उपकरण होगा। 

वहीं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अक्सर गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ग्रेफेन इससे अधिक प्रवाहकीय है। यह गोल्ड से कहीं ज्यादा पतला है और यह त्वचा के साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ जाएगा। त्वचा पर पड़ने वाली सिकुड़न के अनुसार ढल जाएगा। आशा है कि जैसे ही ग्रेफेन का दाम गिरेगा, ऐसे टैटू चिकित्सा उपयोग के लिए सस्ते हो जाएंगे। 

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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