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हरीश रावत ने प्रदेश सरकार की इस योजना के नाम पर उठाया सवाल

देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों सोशल मीडिया और अपने भ्रमण कार्यक्रमों को लेकर सुर्खियों में हैं। अब उन्होंने प्रदेश सरकार की महिलाओं के लिए एक योजना के नाम पर ऐतराज जताया है। रावत ने भाजपा के साथ, आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा है।

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, देश और दुनिया में उत्तराखंड के पुरुष की पहचान एक पराक्रमी पुरुषार्थी, आत्मा स्वाभिमानी, देशभक्त के रूप में होती है, लेकिन आप पार्टी के प्रवक्ता कहते हैं कि दिल्ली में उत्तराखंड के लोगों को घरेलू नौकर, चौकीदार ज्यादा से ज्यादा ड्राइवर के रूप में पहचाना जाता है। उनको विक्टोरिया क्रॉस से लेकर परमवीर चक्र से जुड़ी हुई हमारी पहचान का आभास नहीं है।

रावत लिखते हैं कि, अब भाजपा, महिलाओं के लिए घसियारी संबोधन पर इतरा रही है। जियारानी से लेकर तीलू रौतेली तक वीरांगना के रूप में और संघर्ष की प्रतीक गौरा देवी और एवरेस्ट को सरलता से चढ़ जाने वाली बछेंद्री पाल के रूप में हमारी माँ-बहनों की पहचान का भाजपा को एहसास नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है, हॉकी में खिलाड़ी वंदना कटारिया, पर्वतारोही के रूप में तांग्सी-नुंग्शी, महिला क्रिकेट टीम में एकता बिष्ट, मानसी जोशी, स्नेह राणा, श्वेता वर्मा, भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी कुहू गर्ग, हमारी बेटियां ओलंपिक्स एवं सिविल सेवा आदि में अपनी प्रतिभा से देश व राज्य का नाम रोशन कर रही हैं।

मेडिकल कोर के कमांडर हों या वायु सेना के फाइटर प्लेन उड़ाने वाली हमारी बेटियों की पहचान, भाजपा को नहीं दिखाई दी है। इसलिए वो हमारी माँ-बहनों को घसियारी शब्द देना चाहती है।

सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा, मेरी माँ-बहनें एक सुगढ़ गृहणी रही हैं। मगर वो कभी भी घसियारी नहीं रही, समाज ने उनको कभी भी घसियारी शब्द संबोधन नहीं दिया और भाजपा अब घसियारी शब्द का संबोधन खोज कर अपनी पीठ ठोक रही है।

उन्होंने भाजपा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मां-बहनों की पहचान जियारानी व तीलू रौतेली और गौरादेवी हैं।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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