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Uttarakhand Election: आखिर किन से जंग जीतकर लौटे हरीश रावत ?

देहरादून। क्या हरीश रावत दिल्ली से कोई सियासी जंग जीतकर लौटे हैं। उनकी यह जंग किन के साथ थी। क्या उनसे लड़ने वाले कांग्रेस के बाहर उनके विपक्षी दलों से थे। उत्तराखंड में प्रवेश पर उनका भव्य स्वागत हुआ। रावत ने इस स्वागत की भव्यता को ट्वीट के जरिये प्रस्तुत किया है। इसके साथ साझा वीडियो में हरीश रावत ढोल बजा रहे हैं और कार्यकर्ताओं की भीड़ उनके स्वागत में उमड़ रही है।

यह बात सही है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड में जहां भी जाते हैं, वहां कार्यकर्ता उनका जोरदार स्वागत करते हैं।
पर, इस बार दिल्ली से लौटते हुए कारों के लंबे काफिले के साथ उत्तराखंड में प्रवेश का उनका अंदाज पहले से बहुत अलग है। हरदा की कार फूलों से लदी है। खुली छत वाली इस कार पर पूर्व मुख्यमंत्री रावत सवार हैं।
हरदा कभी लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं और कभी ढोलक बजा रहे हैं। वहां हरीश रावत जिंदाबाद के नारे गूंज रहे हैं। किसी राजनेता का ऐसा स्वागत तो तभी होता है, जब वो विजयी होकर अपने घर लौटता है। यहां ऐसा लग रहा है कि रावत दिल्ली से कोई सियासी जंग जीतकर लौट रहे हैं।

हरदा क्या पाकर लौटे या उन्होंने क्या खोया, इस पर चर्चा करने से पहले यह बताना जरूरी है कि उनका कुछ दिन पहले वाला ट्वीट चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस की सेहत के लिए अच्छा नहीं बताया जा रहा है। यह कहावत तो सबने सुनी होगी, बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की, हो सकता है कि हरदा की उत्तराखंड कांग्रेस पर यह कहावत फिट नहीं बैठती हो, पर अंतर्कलह जगजाहिर होने की खबर तो सुर्खियां बन गई।
क्या हरीश रावत जंग जीतकर लौटे हैं, इस सवाल का जवाब तलाशने से पहले यह भी बताना होगा कि उनकी लड़ाई किसके साथ थी। सभी को पता है, हरदा अपनी पार्टी में ही स्वयं को असहज महसूस कर रहे थे। इसलिए उन्होंने ट्वीट करके इसको सार्वजनिक कर दिया।
दिल्ली में राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैं चुनाव में उत्तराखंड को लीड करुंगा। उन्होंने कहा, कैंपेन कमेटी का चेयरमैन ही चुनावी प्रचार को भी लीड करेगा। पर, यदि हम हरीश रावत के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट को खंगाले तो वो स्वयं कहते हैं कि मुझे 2022 के विधानसभा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष क्यों बनाया होगा। जाहिर सी बात है, उनको यह जिम्मेदारी तो पहले ही दी जा चुकी थी।
अक्सर, चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष ही चुनाव को लीड करता है और मुख्यमंत्री पद को लेकर उनकी दावेदारी भी मजबूत होती है।
दरअसल, 2022 के चुनाव के लिए स्वयं को कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने वाले हरीश रावत उस समय आहत हुए, जब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का बयान आया कि उत्तराखंड में कांग्रेस किसी चेहरे पर नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेगी।

चर्चा यह भी है कि रावत विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर दबाव बनाना चाहते हैं। हरीश रावत की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि वो दबाव बनाकर अपनी बात मनवाने की कोशिश करते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उत्तराखंड में प्रवेश के समय स्वागत का, उन्होंने जो ट्वीट किया है, उसमें लिखा है- नारसन पहुंचने पर कांग्रेसजनों ने भव्य स्वागत किया, आप सबका हृदय की गहराई से बहुत-बहुत धन्यवाद। इस दौरान कांग्रेस के उत्तराखंड अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहे हैं। सवाल यह उठता है कि उत्तराखंड में रावत के साथ, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, नेताप्रतिपक्ष प्रीतम सिंह क्यों नहीं रहे। अगर वो उनके साथ हैं, तो फिर हरदा ने अपने ट्वीट में उनका जिक्र क्यों नहीं किया।
आने वाले समय में देखना यह है कि कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे में पूर्व सीएम हरीश रावत का कितना दखल रहेगा। क्या चुनाव के समय में कांग्रेस में किसी भी तरह का अंतर्कलह नहीं होगा। इन सवालों के जवाब तो वक्त के साथ ही मिलेंगे।

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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