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200 रुपये सब्सिडी की घोषणाः हरीश रावत की या कांग्रेस संगठन की
देहरादून। उत्तराखंड में पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस के सोशल मीडिया अपनी ढपली अपने राग पर दिखते हैं। रावत की जनता से जुड़ाव की शैली कांग्रेस से कुछ जुदा है। कांग्रेस जहां सोशल मीडिया पर महंगाई का विरोध करती दिखती है, वहीं हरीश रावत इससे कुछ और आगे बढ़कर घोषणा भी कर देते हैं कि उनकी सरकार आएगी तो क्या करेंगे।
चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों व नेताओं के वादों और दावों में तेजी दिखी है। हालांकि, उत्तराखंड में 2022 की राजनीतिक स्थिति तो विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगी।
उत्तराखंड में चुनाव की तैयारी सड़क से ज्यादा डिजीटल पर है। सभी राजनीतिक दलों को डिजीटल पर ही वोटर्स नजर आ रहे हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना उन लोगों के लिए बहुत जरूरी हो गया, जो चुनाव में बतौर प्रत्याशी भागीदारी करने का मन बनाए हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत अपने संगठन कांग्रेस से कहीं ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव होने के साथ ही बढ़त बनाए हैं। उनकी एक के बाद एक पोस्ट भाजपा और आप (आम आदमी पार्टी) को निशाने पर लेने वाली होती है।
उत्तराखंड कांग्रेस का सोशल मीडिया जय जय जय महंगाई महारानी, थोड़ी तो हम पर करो मेहरबानी, ही करता रहा, उधर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रसोई का बोझ कम करने के लिए घोषणा तक कर डाली।
अभी यह पता नहीं चल पाया कि इस घोषणा पर, कांग्रेस संगठन कितना सहमत है। क्योंकि यह खबर लिखे जाने तक संगठन के सोशल मीडिया पर ऐसा कोई वादा नजर नहीं आ रहा था।
यह सवाल इसलिए भी है, क्योंकि पूर्व के चुनावों में बहुमत के बाद भी पार्टी ने हरीश रावत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया था। 2002 व 2012 में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की बात रावत ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कही थी।
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