FeaturedShort story- Moral Values
लालची कौए की कहानी
एक समय की बात है। किसी शहर में एक कबूतर ने किचन के पास अपना घोंसला बनाया हुआ था। इस किचन में खाना बनाने वाला कुक बहुत दयालु था। वह कबूतर को बहुत स्नेह करता था। वह रोजाना किचन से लाकर उसको अनाज देता था। कबूतर उसको इसलिए पसंद था, क्योंकि वह कभी भी किचन के अंदर नहीं आता था। वह बाहर रहकर ही अपने लिए भोजन का इंतजार करता था। इस तरह कबूतर की जिंदगी खुशहाल चल रही थी।
वहीं रहने वाला एक कौआ रोजाना देख रहा था कि कुक कबूतर को भोजन दे रहा है। कौआ किचन के पास ही मंडराता रहता। उसे किचन की चिमनी से आने वाली खुश्बू उसको खूब पसंद थी। वह सोचता कि जब खुश्बू इतनी अच्छी है तो खाना कितना लजीज होगा। खाने के लालच में उसने कबूतर से दोस्ती करने की सोची। एक दिन उसने कबूतर से कहा, कैसे हो दोस्त। कबूतर ने जवाब दिया, ठीक हूं। आप कैसे हो। कौए ने कहा, मैं भी ठीक हूं। क्या आप मेरे दोस्त बनोगे। कबूतर ने कहा, हां क्यों नहीं, हम दोस्त बन सकते हैं।
अब वो रोजाना बातें करने लगे। एक दिन दोपहर में बातें करते समय कबूतर ने कहा, दोस्त मेरे भोजन का समय हो गया है। अब तुम जाओ। शाम को बातें करेंगे। कौए ने कहा, क्या एक दिन हम एक साथ भोजन नहीं कर सकते। कबूतर ने जवाब दिया, भाई मेरे लिए उतना ही भोजन आता है, जितना मुझे चाहिए। हम रोजाना खूब सारी बातें करेंगे। लेकिन भोजन शेयर नहीं कर सकते। इसलिए सॉरी।
कौए को कबूतर पर बहुत गुस्सा आया, क्योंकि उसने खाने के लिए तो कबूतर को दोस्त बनाया था। जब खाना नहीं मिलेगा तो काहे की दोस्ती। कौए ने सोचा, कुक से खाना मिलने का कब तक इंतजार करना पड़ेगा। क्यों न मैं सीधे ही किचन में घुस जाता हूं। एक दिन वह किचन की छत पर मंडरा रहा था। उसे खुश्बू आई और वह समझ गया कि किचन में मछली पक रही है। वह चिमनी के रास्ते किचन में घुस गया। वो तो अच्छा था कि उस समय स्टोव पर कुछ नहीं पक रहा था।
कौआ किचन में घुस गया। उस समय किचन में कुक नहीं था। कौआ बहुत लालची हो गया था, इसलिए वह मछली वाले पूरे बर्तन को उठाकर ही ले जाना चाह रहा था। जैसे ही उसने बर्तन को चोंच में दबाकर उठाना चाहा, बर्तन नीचे गिर गया। बर्तन गिरने की आवाज सुनकर कुक वहां पहुंच गया। उसने कौए को पकड़ कर पिंजरे में बंद कर दिया। कौआ पिंजरे से बाहर आने के लिए छटपटाने लगा।
कौए ने कुक से विनती की, कि वह उसके घर की तरफ देखेगा तक नहीं। कुक ने कौए से कहा, मेरा मन करता है कि तुमको मार दूं। मुझे लगता है कि तुम अपनी हरकतों से बाज नहीं आओगे। लेकिन मैं तुमको एक मौका देता हूं। उसने कौए को मुक्त कर दिया। पिंजरे से बाहर निकलते ही कौए ने उड़ान भर ली। इसके बाद वह उस घर से काफी दूर जंगल में जाकर रहने लगा।
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