हरिद्वार। आयुष मंत्रालय ने डोईवाला में सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना सहित उत्तराखंड राज्य में आयुष के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई घोषणा की। राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) योजना के तहत घोषित इन पहल से राज्य में आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, हर्बल दवाओं और आयुष उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
हरिद्वार में ‘आयुष संवाद’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य में आयुष के बुनियादी ढांचे के विस्तार और उन्नयन के लिए कई घोषणा की। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे।
सोनोवाल ने कहा कि अगले दशक में उत्तराखंड में आयुष और पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। भारत सरकार ने राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और उत्तराखंड को प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए ठोस प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड अवसरों की भूमि है और अपनी समृद्ध जैव विविधता के कारण इसमें राज्य के समग्र विकास में योगदान करने की काफी संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, प्रमुख आयुर्वेदिक शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक ‘मर्म चिकित्सा’ प्रशिक्षण केंद्र देश के लिए नोडल केंद्र के रूप में बनाया जाएगा, जो देश और दुनिया के छात्रों को आयुर्वेद में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा।
अन्य घोषणाओं में राज्य में 10 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना, कोटद्वार में 50 बिस्तरों वाले उन्नत आयुष अस्पताल, हरिद्वार के पिरान कलियर में 50 बिस्तरों वाला यूनानी अस्पताल, डोईवाला में सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना, आम जनता के लिए आयुष सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में मोबाइल आयुष इकाइयों (आयुष रथ) का प्रावधान, जनता तक आयुष सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए पहले से मौजूद वेलनेस केंद्रों के अलावा 100 और आयुष वेलनेस (स्वास्थ्य) केंद्र स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।
इस दौरान यह भी घोषणा की गई कि आमतौर पर उपलब्ध औषधीय पौधों के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड (एनएमपीबी) छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए 200 स्कूल हर्बल गार्डन को मदद करेगा।
एनएमपीबी उत्तराखंड में किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री प्रदान करने के लिए 13 जिलों में 13 नर्सरी की मदद करेगा। औषधीय पौधों के लिए मूल्य संवर्धन, सुखाने, भंडारण और विपणन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए स्थानीय क्लस्टर स्थापित करने के लिए प्रति किसान समूह 15 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और ‘मर्म चिकित्सा’ में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को देश के लिए नोडल केंद्र बनाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में क्षमता और संसाधनों के निर्माण और उन्हें मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन को पूरा सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से उत्तराखंड आयुष, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में देश के प्रगतिशील राज्यों में से एक होगा।