Video: बडेरना गांव की इन बेटियों की मुहिम को सलाम
सभी बेटियों को राष्ट्रीय बालिका दिवस की बहुत सारी शुभकामनाएं। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हम बडेरना खुर्द गांव में थे। बडेरना खुर्द देहरादून जिला के रायपुर ब्लाक के अंतर्गत पर्वतीय गांव है। इस गांव की बेटियां अपने शिक्षक की प्रेरणा से बुजुर्गों को अक्षर ज्ञान करा रही हैं। वो चाहती हैं कि किसी परिस्थितिवश पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाने वालीं मम्मी, ताई और दादी-दादा अक्षर ज्ञान करें।
हमने बडेरना गांव की कक्षा आठ की छात्रा मुस्कान, कक्षा दस की छात्राओं निकिता और निशा खत्री से मुलाकात की। इन बेटियों का कहना है कि शिक्षा सबके लिए आवश्यक है। पढ़ाई और कुछ सीखने के लिए उम्र बाधा नहीं होती।
हमारे परिवार के बड़ों ने हमारी बेहतर शिक्षा के लिए बहुत मेहनत की है। क्या हम उनको अक्षरों की पहचान, कुछ पढ़ना लिखना नहीं सीखा सकते। उनके प्रति हमारा भी तो कोई कर्तव्य है।
बिटिया मुस्कान घर के कार्यों में अपनी मम्मी का हाथ बंटाती हैं। मुस्कान ने मम्मी सरिता देवी को अक्षर ज्ञान कराया और अब सरिता जी अपना नाम लिख लेती हैं। मुस्कान बताती हैं कि मम्मी को शब्द लिखने, वाक्य पढ़ने का अभ्यास करा रही हैं। उनके शिक्षक संदीप सोलंकी जी ने लॉक डाउन के समय बुजुर्गों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया था। मां सरिता जी का कहना है कि बहुत खुशी हुई, जब बेटी ने कहा, मां मैं आपको लिखना-पढ़ना सिखाऊंगी।
बडेरना निवासी निकिता और निशा खत्री दोनों बहनें हैं और धारकोट इंटर कालेज में कक्षा दस की छात्राएं हैं। दोनों बेटियों ने अपनी ताई जी सुमित्रा देवी जी को अक्षर ज्ञान कराया और अब सुमित्रा जी अपना नाम लिख लेती हैं।
नाम लिखने के साथ ही उनको शब्द बनाने, पढ़ने और वाक्य लिखने व पढ़ने का अभ्यास कराने का लक्ष्य है। सुमित्रा देवी जी कहती हैं कि दोनों बेटियों ने बहुत मेहनत की। शुरू शुरू में तो मुझे अक्षर पहचानने और कॉपी पर लिखने में बहुत दिक्कत हो रही थी। आखिर इन बच्चियों ने मुझे लिखना सीखा ही दिया। अब बहुत अच्छा लगता है।
मुस्कान शिक्षिका बनना चाहती हैं। कहती हैं कि मैं चाहती हूं कि सब लोग पढ़ें और जीवन में तरक्की करें। निकिता पुलिस फोर्स में शामिल होना चाहती हैं और निशा का कहना है कि उन्हें तो फौज में भर्ती होना है।
ये बेटियां शिक्षित होकर सपनों को पूरा करना चाहती हैं। सभी बेटियों को तकधिनाधिन की ओर से उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं।
हम शिक्षक और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसरोकारों के लिए वर्षों से कार्य कर रहे जगदीश ग्रामीण जी के साथ बडेरना गांव पहुंचे। हमें वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद नौटियाल जी और बडेरना के निवासी हरीश खत्री जी ने बहुत सहयोग किया। बढ़ेरना के सफर की बहुत सारी जानकारियां हमारे पास हैं, आपके साथ साझा करते रहेंगे।
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