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एम्स ऋषिकेश की यह सलाह मानिए, दूर रहेंगे मानसिक तनाव से

आपको जब भी समय मिले तो आप कुछ नया सीखें,अपनी स्किल्स पर काम करें

ऋषिकेश। न्यूज लाइव डेस्क

शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी ज़रूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने सरस्वती विहार स्कूल ज्योली कोट और सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल नैनीताल में छात्र-छात्राओं, फैकल्टी मेंबर्स सहित युवाओं को शारीरिक और मानसिक तनाव के प्रति जागरूक किया।

एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार। फोटो- राजेश पांडेय
एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार। फोटो- राजेश पांडेय

प्रस्तुत है इस सेशन के कुछ खास अंश, जो एम्स ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल की नियमित मैगजीन स्वास्थ्य चेतना से लिया गया है। एडिशनल प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार सोशल आउचरीच सेल के नोडल अधिकारी तथा स्वास्थ्य चेतना मैगजीन के संपादक हैं।

मानसिक तनाव एक सामान्य मानसिक विकार है, जो विद्यार्थियों के साथ-साथ किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

मानसिक तनाव से प्रभावित व्यक्ति चिड़चिड़ापन और खालीपन महसूस करता है। साथ ही, मानसिक तनाव के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे कि- एकाग्रता का अभाव, खुद को दोषी और बेकार समझना, अपने भविष्य के प्रति निराशा, नींद में दिक्कत, बहुत अधिक थका हुआ महसूस करना और सबसे महत्वपूर्ण आत्महत्या करने का विचार मन में आना। मानसिक तनाव को कुछ सरल उपायों से दूर किया जा सकता है।

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मानसिक तनाव दूर करने के लिए पर्याप्त नींद लेना सभी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। एक अच्छी नींद आपके दिमाग को फिर से सक्रिय करने में और आपको सभी कार्यों में ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।

एक ही समय में सब कुछ करने की कोशिश ना करें, अपनी गतिविधियों को प्राथमिकता दें तथा जो आवश्यक नहीं है उस पर समय नष्ट न करें।

ध्यान विश्राम की गहरी अवस्था है और यह मन को शांत भी करता है, आप अपना ध्यान केंद्रित कर के अस्त-व्यस्त विचारों की धारा को समाप्त कर सकते हैं।

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हर दिन कुछ समय अपने लिए निकाले, समय का प्रयोग रचनात्मक होने व विचारों और भावनाओं को संसाधित करने के लिए करें।

आपको जब भी समय मिले तो आप कुछ नया सीखें। अपनी स्किल्स पर काम करें, क्योंकि आप जब भी वो काम करते हैं जो आपको पसंद है तो आप खुद को एक्टिव और अपने मन को शांत पाते है और आपका तनाव कम होता है।

आप स्कूल में या परिवार के साथ जहां भी जाते हैं, वहां के अपने मित्रों व साथियों के साथ हमेशा संपर्क में रहें।

जब भी हम तनाव में होते हैं तो हमारा मस्तिष्क इतना एक्टिव नहीं होता है इसलिए किसी भी निर्णय को पूरी सोच-समझ के साथ लें।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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