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घर बैठकर पढ़ाई के लिए कुछ डिजीटल प्लेटफार्म

कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए शैक्षणिक संस्थान बंद चल रहे हैं। जब तक स्कूल, कॉलेज नहीं खुलते, सभी छात्र-छात्राएं घर पर ही रहकर पढ़ाई जारी रखें, इसके लिए आपके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कुछ ऐसे डिजीटल प्लेटफार्म सर्च किए हैं, जो आपको घर पर बैठकर ही पढ़ाई में मदद कर सकते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे। चलिये शुरू करते हैं, कृपया ध्यान दीजिएगा-

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में जानिये-

दीक्षा: दीक्षा पर अलग-अलग भाषाओं में 12वीं कक्षा के लिए 80000 ई-बुक्स मिल जाएंगी। पाठ्य पुस्तकों की सामग्री को क्यूआर कोड से भी देखा जा सकता है। इस एप को आईओएस और गूगल प्ले स्टोर या  फिर वेबसाइट: https://diksha.gov.in या https://seshagun.gov.in  से डाउनलोड किया जा सकता है।ई-पाठशालाःएनसीआरटी ने इस वेब पोर्टल पर कक्षा 1 से 12वीं तक के लिए ऑडियो, वीडियो, ई-बुक्स (ई-पब्स) और फ्लिप बुक अपलोड किए हैं। इसको वेबसाइट http://epathshala.nic.in or http://epathshala.gov.in एप डाउनलोड किया जा सकता है।

एनआरओईआरः   एनआरओईआर पोर्टल पर कुल 14527 फाइल्स उपलब्ध हैं। जिनमें अलग-अलग भाषाओं में 401 संकलन, 2779 दस्तावेज़, 1345 इंटरेक्टिव, 1664 ऑडियो, 2586 चित्र और 6153 वीडियो शामिल हैं।          Website: http://nroer.gov.in/welcome पर ये सभी सामग्री उपलब्ध है।

स्वयंः स्वयं इंजीनियरिंग, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, कानून और प्रबंधन पाठ्यक्रम सहित सभी विषयों में स्कूली (कक्षा 11वीं से 12वीं) और उच्च शिक्षा (स्नातक, स्नातकोत्तर कार्यक्रम) दोनों को कवर करने वाले 1900 पाठ्यक्रमों की सामग्री उपलब्ध कराने वाला राष्ट्रीय ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म है। यह वेबसाइट swayam.gov.in पर उपलब्ध है।

स्वयं प्रभाः डी2एच पर 32 ऐसे टीवी चैनल हैं, जिन पर पूरे सप्ताह 24 घंटे शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण होता है। इन चैनलों को पूरे देश में डीडी फ्री डिश सेट टॉप बॉक्स और एंटेना के जरिये देखा जा सकता है। चैनल के कार्यक्रमों की सूची और अन्य विवरण पोर्टल पर उपलब्ध हैं-ये चैनल स्कूली शिक्षा (कक्षा IX से XII) और उच्च शिक्षा (स्नातक, स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग, स्कूली बच्चों से इतर, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण) दोनों को कवर करते हैं, जिसमें कला, विज्ञान, वाणिज्य, परफार्मिंग आर्ट, सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि और मानविकी विषयों संबंधी सामग्री शामिल है। इसे वेबसाइट swayamprabha.gov.in पर देखा जा सकता है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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