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उत्तराखंड में अस्पतालों के बाहर चल रहे ब्लड बैकों का लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा

अस्पताल परिसर के भीतर खुले ब्लड बैकों का ही होगा लाइसेंस रिन्यू : ताजबर सिंह जग्गी

देहरादून। न्यूज लाइव

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के रक्त केंद्र प्रभाग ने ब्लड बैकों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के जारी होने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त कार्यालय, उत्तराखंड ने रक्त केंद्रों के लाइसेंस के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट की घोषणा की है।

अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि अस्पताल से बाहर खुले ब्लड सेंटरों के लाइसेंसों का अब नवीनीकरण नहीं होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के रक्त केंद्र प्रभाग के पत्र के अनुसार तत्काल प्रभाव से, जो रक्त केंद्र अस्पताल परिसर के भीतर स्थित नहीं हैं, उन्हें अब लाइसेंस देने या नवीनीकरण के लिए विचार नहीं किया जाएगा। ऐसे रक्त केंद्रों के लिए आवेदन अनुमोदन के लिए केंद्रीय लाइसेंसिंग अनुमोदन प्राधिकरण (सीएलएए) को नहीं भेजे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन नई दिल्ली द्वारा हाल ही में जारी एक परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि, जो अस्पताल परिसर के बाहर स्थित रक्त केंद्रों को अब से कोई भी अनुदान या नवीनीकरण प्राप्त करने से बाहर करने की सिफारिश करता है।

राज्य औषधि प्रशासन औषधि नियम 1945 के नियम 122जी के तहत इस नीति को लागू कर रहा है। इस नियम के अनुसार, रक्त केंद्रों के संचालन या मानव रक्त घटकों की तैयारी के लिए लाइसेंस देने या नवीनीकरण के लिए आवेदन उन संगठनों द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो अस्पताल परिसर के भीतर स्थित होने सहित निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करें।

अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि प्रशासन के संज्ञान में आया है कि कुछ ब्लड सेंटर वर्तमान में अस्पताल परिसर से बाहर संचालित हो रहे हैं। उपरोक्त नियमों के मद्देनजर, यह स्पष्ट किया जाता है कि केवल अस्पताल परिसर के भीतर स्थित रक्त केंद्र ही लाइसेंस देने या नवीनीकरण के लिए विचार के पात्र होंगे।

आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड का कार्यालय रक्त केंद्रों के संचालन में सुरक्षा और नियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उपाय का उद्देश्य राज्य भर में रक्तदान और आधान सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाना है।अधिक जानकारी या स्पष्टीकरण के लिए कृपया आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड के कार्यालय से संपर्क करें।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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