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सीएम साहब! प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कोरोना पीड़ितों को आर्थिक संकट से बचा लो

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि उन्हें राजस्व से कहीं अधिक राज्य के वासियों के स्वास्थ्य की चिंता है। संक्रमण को रोकने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे वह उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री की यह घोषणा स्वागत योग्य है। सरकार को चाहिए कि कोरोना संक्रमण के दौर में उत्तराखंड के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों के सामने खड़े हो रहे आर्थिक संकट पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री रावत को कोरोना पीड़ित रोगियों के इलाज का खर्चा सरकार के स्तर पर वहन करने संबंधी आदेश जारी कराने चाहिए। सरकार निजी अस्पतालों में भर्ती कोविड पीड़ितों के इलाज की दरों को निर्धारित करके इन सभी के इलाज का खर्चा सरकारी कोष से भुगतान कराए। इससे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की महंगी दरों पर लगाम कसी जा सकेगी।

वहीं, कोविड संक्रमण से जूझ रहे मरीज आर्थिक चिंता किए बिना इलाज करा सकेंगे।
साथ ही, कोविड संबंधी मेडिकल इक्यूपमेंट को मेडिकल स्टोरेज की बजाय अस्पतालों के माध्यम से बिकवाने की व्यवस्था हो। हर उपकरण की दर निर्धारित हो। ये उपकऱण सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही बेचने के निर्देश संबंधित अस्पताल को दिए जाएं।
इनका पूरा स्टॉक मैनेज कराने की व्यवस्था की जाए। इससे कालाबाजारी नहीं हो पाएगी और मरीजों में महंगे इलाज को लेकर भय का वातावरण नहीं होगा।
हालात यह हैं कि पीड़ित प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह है वहां के अनाप शनाप बिलों के भुगतान की मजबूरी।
हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशित खबर
कुछ दिन पहले हिन्दुस्तान अखबार में एक खबर प्रकाशित हुई, जिसमें बताया गया था कि रोडवेज के एक अधिकारी को बिना इलाज इसलिए लौटना पड़ गया, क्योंकि निजी अस्पताल में एक दिन के इलाज का खर्चा 20 हजार रुपये बताया गया।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य गरीब, निम्न मध्यम और मध्यम आय श्रेणी वाले कोविड पीड़ितों के सामने किस कदर आर्थिक संकट खड़ा हो गया होगा। यह इसलिए भी, क्योंकि सरकारी अस्पतालों के हालात सबको पता है।
इसके साथ ही, कोविड संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाली चिकित्सीय उपकरणों की कालाबाजारी एवं महंगे होने की खबरें सामने आ रही हैं। स्वयं मुख्यमंत्री ने अफसरों को इस पर सख्ती से कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
हाल ही में सीएम तीरथ सिंह रावत ने एक बहुत शानदार निर्णय लिया है, वो है शराब की दुकानों को भी अन्य दुकानों की तरह दोपहर दो बजे ही बंद करने के आदेश। मुख्यमंत्री ने इसी परिप्रेक्ष्य में कहा है कि सरकार को राजस्व की चिंता नहीं है, सरकार अपने राज्य के निवासियों को हर हाल में कोविड संक्रमण से बचाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने राजस्व को नहीं बल्कि जिंदगियों की चिंता की है, जो स्वागत योग्य कदम है।
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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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