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उत्तराखंड के हर मेडिकल कॉलेज में होगी कैथ लैबः धामी

जन औषधि के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है,  राज्य के जिन मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब नहीं है, वहां कैथ लैब बनाई जाएंगी। सभी चिकित्सा इकाइयों में एमआरआई, सीटी स्कैन की पूरी व्यवस्था तथा टेक्निशियन्स की नियुक्तियां की जाएंगी, इसमें सभी जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

मुख्य सेवक सदन में जन औषधि दिवस पर कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री ने सत्र 2022-23 में जन औषधि के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने पर डॉ. पुनीत धमीजा, जन औषधि मित्र मुकुल अग्रवाल एवं जन औषधि ज्योति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने पर कुसुम गोयल को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में जन औषधि केंद्र खोलकर लोगों को सस्ती और सुलभ दवाइयां उपलब्ध कराने का कार्य किया है। उनका लक्ष्य है कि अंतिम पंक्ति में खड़ा कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे।  जन औषधि योजना में अभी तक 850 से ज्यादा दवाओं का मूल्य नियंत्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का एक सशक्त माध्यम बन गए हैं। इस योजना से सिर्फ पुरुषों को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी बहुत लाभ हुआ है। देशभर में एक हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्र ऐसे हैं, जिन्हें सिर्फ महिलाएं ही चला रही हैं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास आदि उपस्थित रहे।

क्या होती है कैथ लैब

कैथ लैब (catheterization laboratory) एक विशेष चिकित्सा सुविधा है, जिसका उपयोग हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधित नैदानिक ​​और चिकित्सीय प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर हृदय रोग विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों सहित चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम है, जिन्हें विशेष उपकरणों का उपयोग करने सहित कई प्रक्रियाओं के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

कैथेटर का उपयोग रक्तचाप को मापने, रक्त के नमूने लेने, इमेजिंग के लिए कंट्रास्ट डाई इंजेक्ट करने और अन्य नैदानिक और चिकित्सीय प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला करने के लिए किया जा सकता है।

कैथ लैब आमतौर पर अस्पतालों या विशेष चिकित्सा केंद्रों में होती हैं, और प्रक्रियाओं की सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस होती हैं।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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