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अस्पतालों में खाली पदों पर एनएचएम के तहत करें नियुक्तियांः निदेशक

नैनीताल जनपद में दो अर्बन हेल्थ सेंटर खोलने की कार्यवाही जल्द करने के निर्देश

नैनीताल। न्यूज लाइव

एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) की उत्तराखंड निदेशक स्वाति एस. भदौरिया ने नैनीताल जनपद के कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं व स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। नैनीताल स्थित बी.डी. पांडे जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने खाली पड़े पदों को एनएचएम के तहत शीघ्र भरने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, इमरजेंसी, लैब, प्रसूति वार्ड, स्टोर व अन्य महत्वपूर्ण विभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद नैनीताल में दो अर्बन हेल्थ सेंटर खोले जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सालय में टाइप 4 भवन, मेडिकल स्टोर, पार्किंग, क्रिटिकल केयर ब्लॉक, ओपीडी ब्लॉक के निर्माण के लिए स्थान का चयन करने को कहा।

मिशन निदेशक ने भवाली सेनिटोरियम, बेस चिकित्सालय में स्वीकृत निर्माण कार्यो में तेजी लाने और बीपीएचयू के लिए धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, रामनगर में स्थान चिह्नित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने अस्पताल के स्टाफ से भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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