प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम और अरुणाचल को जोड़ने वाले सबसे बड़े पुल ‘ढोला सदीया सेतु’ को देश को समर्पित किया। इस पुल का नामकरण प्रसिद्ध प्रसिद्ध गायक भूपेेन हजारिका के नाम पर किया गया। यह पुल चीन की सीमा के नजदीक भारत में किसी नदी पर बना सबसे लंबा पुल है।
पुल के बारे में जानिये खास बातें।
- देश का सबसे लंबा पुल 9.15 किमी का है।
- यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है।
- यह पुल चीन की सीमा के नजदीक भारत में किसी नदी पर बना सबसे लंबा पुल है।
- यह 60 टन वजन के युद्ध टैंक का वजन भी उठा सकता है।
- पुल को भारत-चीन की सीमा पर पूर्वोत्तर में देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
- इस पुल से पूर्वोत्तर से सड़क परिवहन को मजबूत मिलेगी। सेना के अलावा असम और अरुणाचल के लोगों के लिए भी यह पुल बेहद उपयोगी साबित होगा।
- पुल के चालू होने के बाद अरूणाचल प्रदेश और असम के बीच की दूरी 165 किलोमीटर और 5 घंटे कम हो जाएगी।
- लोगों के लिए हवाई और रेल परिवहन के अलावा सड़क रास्ते से आना-जाना आसान हो जाएगा।
- यह अब तक देश के सबसे लंबे पुल कहे जाने वाले बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर लंबा है।
- पुल का निर्माण साल 2011 में शुरू हुआ था और परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपये थी। इस का डिजाइन इस तरह बनाया गया है कि पुल सैन्य टैंकों का भार सहन कर सके।
- पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलोमीटर दूर और अरूणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से 300 किलोमीटर दूर है।
- चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है।
- केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें इस पुल के महत्व के बारे में बताया गया है। देखें- वीडियो