current AffairsFeaturedstudy

अध्ययनः लगभग 5000 में से 60 ग्रहों में जीवन की संभावना!

भारतीय खगोलविदों ने रहने योग्य उच्च संभावना वाले ग्रहों की खोज के लिए रोडमैप तैयार किया

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (न्यू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एल्गोरिथम का उपयोग करते हुए, भारतीय खगोलविदों ने रहने के योग्य उच्च संभावना वाले संभावित ग्रहों की खोज करने के लिए एक नया रोडमैप तैयार किया है।

बहुत पहले यानी अति प्राचीन काल से, इंसान ब्रह्मांड को देख रहा है और यह विश्वास कर कर रहा है कि अन्य बसे हुए प्राणी इस धरती से बाहर भी बसे हुए हैं। मौजूदा अनुमान यह है कि अकेले हमारी गैलेक्सी में ग्रहों की संख्या अरबों में है, संभवतः सितारों की संख्या से भी अधिक। ऐसे में स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है कि क्या अन्य ग्रह ऐसे हैं, जिन पर प्राणी रहते हैं और क्या भविष्यवाणी करने का कोई तरीका है कि कौन सा ग्रह ऐसा है जिस पर संभावित रूप से जीवन पाया जा सकता है?

वर्तमान में, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, बिट्स पिलानी, गोवा कैंपस के खगोलविदों ने मिलकर एक नया रोडमैप तैयार किया है- जिससे वो रहने के योग्य उच्च संभावना वाले संभावित ग्रहों की पहचान कर सकें। नया रोडमैप इस धारणा पर आधारित है कि हजारों डेटा बिंदुओं के बीच पृथ्वी से अलग ग्रह के अस्तित्व की संभावना है। यह अध्ययन रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मंथली नोटिस (एमएनआरएस) पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन के अनुसार, लगभग 5000 में से 60 संभावित रहने योग्य ग्रह हैं, और लगभग 8000 संभावित ग्रह प्रस्तावित हैं। यह मूल्यांकन पृथ्वी के साथ उन ग्रहों की निकटता, समानता पर आधारित है। इन ग्रहों को ‘गैर-रहने योग्य’ ग्रह के विशाल समूह में विषम उदाहरणों के रूप में देखा जा सकता है।

“हजारों ग्रहों में पृथ्वी एकमात्र रहने योग्य ग्रह है, जिसे कुछ अलग ग्रह के रूप में परिभाषित किया गया है। बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस के डॉ स्नेहांशु साहा और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के डॉ. मार्गरीटा सफोनोवा ने कहा, हमने पता लगाने की कोशिश की है कि क्या इस तरह के कुछ अलग ग्रह का पता लगाने के लिए नोवेलअनामली डिटेक्शन मैथड का उपयोग किया जा सकता है।’

आईआईए टीम बताती है कि बड़ी संख्या में खोजे गए ग्रहों के साथ, उन दुर्लभ विषम उदाहरणों को ग्रहों के मापदंडों, प्रकारों, आबादी के संदर्भ में चिह्नित करके, और अंततः, रहने की क्षमता के लिए अवलोकनों से कई ग्रह मानदंड की आवश्यकता होती है। इसके लिए महंगे टेलीस्कोप और कई घंटे समय की जरूरत है। हजारों ग्रहों को मैन्युअल रूप से स्कैन करना और संभावित रूप से पृथ्वी के समान ग्रहों की पहचान करना एक कठिन काम है। रहने योग्य ग्रहों को खोजने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने बिट्स पिलानी गोवा कैंपस के प्रो. स्नेहांशु साहा और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), बेंगलुरु की डॉ. मार्गरीटा सफोनोवा की देखरेख में विशेषता का पता लगाने के लिए एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित एल्गोरिथम विकसित किया है और इसे काफी आगे तक बढ़ाया है। क्लस्टरिंग एल्गोरिदम का उपयोग कर एक्सोप्लैनेट डेटासेट से संभवतः रहने योग्य ग्रहों की पहचान करना संभव होगा। शोध दल में प्रोफेसर संतोनु सरकार, डॉक्टरेट के छात्र ज्योतिर्मय सरकार, बिट्स पिलानी गोवा कैंपस से स्नातक छात्र कार्तिक भाटिया भी शामिल थे।

अध्ययन ने कुछ ग्रहों की पहचान की गई है, जो प्रस्तावित तकनीक के माध्यम से पृथ्वी के समान विषम विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं, जो खगोलविदों के विश्वास के अनुरूप काफी अच्छे परिणाम दिखाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस पद्धति के परिणामस्वरूप कुछ अलग ग्रहों का पता लगाने के मामले में समान परिणाम सामने आए, जब इसने सतह के तापमान को एक विशेषता के रूप में उपयोग नहीं किया। यह ग्रहों को भविष्य में विश्लेषण को बहुत आसान बना देगा।

प्रकाशन लिंक: https://academic.oup.com/mnras/article/510/4/6022/6460514?login=true

साभार- पीआईबी

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button