
Development journalism workshop Uttarakhand: विकास पत्रकारिता का सामाजिक परिवर्तन से सीधा जुड़ाव
Development journalism workshop Uttarakhand: देहरादून, 4 नवंबर, 2025: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के देहरादून परिसर में पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्या शाखा के अंतर्गत संचालित एम.जे.एम.सी. कार्यक्रम के चतुर्थ सेमेस्टर की पाठ्य संरचना के तहत चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में पत्रकारिता और जनसंचार के विविध विषयों पर विशेषज्ञ विद्यार्थियों से संवाद कर रहे हैं।
Development journalism workshop Uttarakhand: कार्यशाला के दूसरे दिन “मीडिया शोध और विकास पत्रकारिता” विषय पर प्रो. (डा.) सुभाष चंद्र थलेडी ने कहा कि विकास पत्रकारिता आज के समय का अत्यंत महत्वपूर्ण एवं समकालीन क्षेत्र है, जो मीडिया शिक्षा, नीति निर्माण और सामाजिक परिवर्तन से सीधा जुड़ा है। उन्होंने कहा कि संचार शोध के माध्यम से हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि संदेश, माध्यम और श्रोता के बीच संवाद कैसे स्थापित होता है और उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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Development journalism workshop Uttarakhand: प्रो. थलेडी ने कहा कि विकास पत्रकारिता में संचार शोध का उपयोग मीडिया संदेशों के प्रभावों के मूल्यांकन में किया जा सकता है। इससे यह समझने में सहायता मिलती है कि किसी नीति या योजना संबंधी सूचना का जनमानस पर क्या असर हुआ है। उन्होंने कहा कि विकास पत्रकारिता का उद्देश्य विकासात्मक बदलावों, नीतियों, योजनाओं और जनहित कार्यक्रमों पर केंद्रित रिपोर्टिंग के माध्यम से समाज का सशक्तिकरण करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए मीडिया शोध के माध्यम से प्रभावी बदलाव लाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान की सफलता की कहानी, जल-संरक्षण अभियान, ग्रामीण शिक्षा में सुधार और महिलाओं के आत्मनिर्भरता आंदोलन जैसे विषय विकास पत्रकारिता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
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इस अवसर पर पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्या शाखा के निदेशक प्रो. राकेश चंद्र रयाल ने कहा कि यह कार्यशाला एमजेएमसी चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, जिससे उन्हें अपने लघु शोधप्रबंध को पूरा करने में मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी के नेतृत्व में गुणवत्तापूर्ण मीडिया शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यशाला के पहले दिन प्रो. गोविंद सिंह और डा. रचना शर्मा (आईआईएमसी) ने विद्यार्थियों को लघु शोधप्रबंध की बारीकियों से अवगत कराया। आगामी दो दिनों में भी अनेक विषय विशेषज्ञ विद्यार्थियों से संवाद करेंगे।













