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प्रधानमंत्री ने कहा, कोविड- 19 के लिए तकनीकी समाधान साझा करें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से भारत सरकार के जन सहभागिता मंच mygovindia पर कोविड-19 के लिए तकनीक-आधारित समाधान साझा करने का आग्रह किया है।

एक ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक स्वस्थ ग्रह के लिए नवाचार को बढ़ावा देना। बहुत से लोग कोविड-19 के लिए तकनीक-आधारित समाधान साझा कर रहे हैं। मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वे उन्हें mygovindia पर साझा करें। ये प्रयास काफी लोगों की मदद कर सकते हैं। #IndiaFightsCorona

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के प्रसार से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रयासों की भी सराहना की। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘हमारे डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे घर से बाहर हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। हम हमेशा उनके योगदान की सराहना करेंगे।

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ‘कई लोग विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं कि कैसे भारत कोविड -19 का मुकाबला कर रहा है। यह उन सभी डॉक्टरों, नर्सों, नगरपालिका कर्मचारियों, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और अन्य सभी असाधारण लोगों के मनोबल बढ़ा रहा है जो कोवि़ड -19 से लड़ने में सबसे आगे हैं। #IndiaFightsCorona

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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