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ये आठ बातें शायद आपका सपना पूरा कर दें

जीवन में कुछ हासिल करना है तो सपने देखना जरूरी है। ध्यान रहे सपने पूरे करने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। हर सकारात्मक सफलता के लिए निश्चित प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ता है। मेहनत और लगन के साथ एक और बात जो हमेशा महत्वपूर्ण होती है, वो है उस विषय में आपकी दक्षता। साथ ही आपको अपने लक्ष्य पर फोकस रहना होगा, न कि इधर-उधर के कार्यों पर। जानिये सपने पूरे करने में सहयोग करने वाले खास आठ प्वाइंट, शायद आपके काम आ जाएं।

1.अपनी पसंद का कार्य करो- अगर आप कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिसको करना आप की जरूरत हो और यह कार्य आपके लिए उबाऊ हो गया है, तो समझ लीजिए कि यह आपको सफलता की ओर नहीं ले जाता। आप उस कार्य को करें, जो आपको पसंद है। मान लीजिए एक व्यक्ति की लोगों से बात करने और नई जानकारियां शेयर करने में रूचि है, लेकिन उससे किसी मशीन को आपरेट या असेंबल करने का काम लिया जा रहा है, जिसमें वह अपना शतप्रतिशत नहीं दे पा रहा है। यह इसलिए है, क्योंकि उसकी इस कार्य में रूचि नहीं है।

इसलिए कहा जाता है कि काम वही किया जाए, जो पसंद का हो। अब आप यह भी कह सकते हैं कि उस व्यक्ति ने शुरुआत में ही गलती कर दी, क्योंकि उसने अपनी पसंद के अनुसार काम नहीं मांगा और न ही इसके लिए उसके पास कोई क्वालीफिकेशन है। आपकी बात सही है, अक्सर हम लोग उन पाठ्यक्रमों में दाखिला ले लेते हैं या दबाव बनाकर दाखिला दिला दिया जाता है, जिसमें रूचि नहीं होती। दबाव में पढ़ाई करके डिग्री भी मिल जाती है, लेकिन कुछ नया और बड़ा करने का मन तो उसी फील्ड में लगता है, जो पसंद है। बहुत सारे लोग हैं, जो  क्वालीफिकेशन के विपरीत फील्ड में कार्य करते हुए सफल हुए हैं। यह सब उनकी अपनी रूचि के विषयों पर ही काम करना फल है। एक बार फिर दोहराता हूं वह कार्य करें, जो आपको पसंद हैं। इसमें भी बड़े स्तर पर सोच विकसित करें।

2.कुछ बड़ा सोचना जारी रखो- जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अपनी पसंद के कार्य के उन विकल्पों पर बात करो, जो असीम ऊंचाइयों तक ले जाते हों। हमेशा बड़ा सोचो और इस दिशा में होने वाले सभी प्रयासों पर शतप्रतिशत फोकस करो। इसके महत्वपूर्ण हिस्सों पर रोजाना कार्य करो।

3.कार्यों का रूटीन बनाना जरूरी- किसी एक आदत और दिनचर्या से बाहर निकलना मुश्किल होता है। लेकिन यदि आपने ऐसा कुछ प्लान किया है और जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा आपकी दिनचर्या से जुड़ा है तो सफलता नजदीक आ जाती है। कहने का मतलब है कि आपने जो भी कुछ कार्य प्लान किया है, उसे अपने डेली रूटीन में लाना होगा। आप जिस भी कार्य में सफलता चाहते हैं, वह आपकी दिनचर्या में शामिल होना चाहिए। इससे आप अपने लक्ष्य की ओर रोजाना एक कदम बढ़ते जाएंगे। आपको अपना सपना पूरा करने के लिए रोजाना कार्य करने की जरूरत है। इसमें एक दिन का भी गेप बाधा पैदा करता है। आप अपने रूटीन को एक डायरी में लिखना शुरू करें। अपने एक-एक महत्वपूर्ण कार्य को अपनी सहूलियत के अनुसार सूचीबद्ध करते रहें। एक बार में एक ही महत्वपूर्ण कार्य को लिखें। अगर आप चाहें तो अपने रूटीन में एक साथ सभी महत्वपूर्ण कार्यों को शामिल कर सकते हैं, लेकिन इसको दृढ़ता से फॉलो करने के लिए तैयार रहना होगा।

4.प्लान करें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है- बड़े कार्यों के बड़े परिणाम होते हैं और इनमें प्रगति भी उतनी अधिक होती है। हालांकि लोग कठिन औऱ ज्यादा मेहनत वाले कार्य करने से बचते हैं। इनकी बजाय छोटे और आसान कार्यों पर फोकस करते है। क्योंकि छोटे कार्य तेजी से होते हैं और उतनी ही संतुष्टि दे सकते हैं, जितनी बड़े लक्ष्यों को हासिल करने पर मिलती है। ऐसा अधिकतर लोग समझते हैं। उनको लगता है कि अधिक तेजी से प्रगति कर रहे हैं। सफलता की ऊंचाइयों पर जाने के लिए सबसे पहले उस कार्य को करें, जो ज्यादा महत्वपूर्ण और कठिन हो। क्योंकि अगर इसमें सफलता मिल गई तो फिर सरल चीजों पर ध्यान दिया जा सकता है। इसके ठीक विपरीत लोगों का यह भी कहना है कि सरल कार्य करने से अनुभव हासिल होता है और फिर धीरे-धीरे बड़ी सफलता की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं। 

5.’नहीं’ कहना सीखना होगा- नहीं शब्द का इस्तेमाल करना सीखना होगा। कई बार आप जो भी कुछ करना चाहते हैं, उसके बीच में कई ऐसे कार्यों का ऑफर आता है, जिसका आपकी सफलता से कोई मतलब नहीं रहता। आपकी दिनचर्या में कई बार गैरअनुत्पादक ( फिजूल) कार्य भी आ जाते हैं, जिनको करने में समय खराब हो जाता है और लक्ष्य के अनुरूप महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो जाता है। ऐसे में इन कार्यों से बचने के लिए ‘नहीं’ कहने की आदत डालनी होगी, ताकि आपके सपनों की उड़ान में बाधा न आए। यह एक तरह का अनुशासन है और आपको गुमराह होने से बचाता है।

6.हमेशा याद रखें आपने कोई भी कार्य क्यों शुरू किया था- आप लंबे समय से मेहनत करने के बाद भी सही रिजल्ट हासिल नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में आप उस वजह को याद करें, जिसको केंद्र में रखते हुए आपने इस कार्य की शुरुआत की थी। यानि आपको स्पष्ट करना होगा कि आप क्या करना चाह रहे थे। यह आपको अपना उद्देश्य हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा। कार्य शुरू करने के उद्देश्य को अपनी स्मृति में ताजा बनाए रखना होगा। 

7. कुछ से दूर भागो –  शुरुआत में आपसे कहा था कि कुछ बड़ा करने की सोचो और अब कह रहा हूं कि कुछ से दूर भागो। यह दोनों बातें एक दूसरे के विपरीत हो सकती हैं, लेकिन किसी भी रिजल्ट तक पहुंचने से पहले इन दोनों बातों को कुछ इस तरह समझते हैं। कुछ से दूर भागना किसी भी चीज को पाने के लिए प्रयास करने से ज्यादा आसान है। हमारे पास पहले के बहुत सारे अनुभव हो सकते हैं, जब हम कुछ बातों से बचने के लिए भागे हों।

एक उदाहरण से कुछ स्पष्ट करने का प्रयास करता हूं- मान लीजिए आप एक शेर से बचने के लिए भाग रहे हैं, जो आपके सामने बड़ी चुनौती बना है। वहीं दूसरे केस में आप करोड़ों रुपये के खजाने की ओर दौड़ रहे हैं। यहां दोनों मामलों में आप दौड़ रहे हैं। एक में चुनौती से बचने के लिए और दूसरे में कुछ हासिल करने के लिए। आप दोनों में से किस केस में तेजी से दौड़ोगे। स्पष्ट है कि शेर से बचने के लिए। दूसरे केस में तो आपको पता ही है कि आपका वहां कोई नुकसान नहीं होने वाला, बल्कि कुछ मिलेगा ही, भले ही आपकी स्पीड कुछ भी हो।

आप अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं तो यह भी ध्यान में रखना होगा कि आप किन चुनौतियों से बचने के लिए इतनी मेहनत करते हैं। यह चुनौती आर्थिक संकट, गरीबी, बेरोजगारी, आलस्य, मोटापा या कुछ भी हो सकता है, जो नुकसान के अलावा कुछ नहीं दे रहा। दूसरे शब्दों में- अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अगर हो सके तो उन बातों पर भी सोचो, जिनसे बचने के लिए आप भाग रहे हैं, क्योंकि आप इनकी ओर दोबारा नहीं लौटना चाहते। आपको प्रेरित करने में इनकी भी बड़ी भूमिका हो सकती है।

8. थोड़े बहुत के पीछे भागना छोड़ो- जब हम कुछ बड़ी सफलता पाना चाहते हैं तो हमारे सामने छोटे गोल भी होते हैं, जिनको आसानी से हासिल किया जा सकता है। इन छोटे गोल को पूरा करने के लिए हम अपने मूल लक्ष्य से भटक जाते हैं। इसलिए कहते हैं कि अपनी नजरों को केवल लक्ष्य पर फोकस करो।

 

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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