agriculturecareercurrent AffairsFeatured

मछली पालकों को इस ऐप पर मिलेंगी खास जानकारियां

केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री गिरिराज सिंह ने मत्स्य कृषकों  के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम मोबाइल ऐप “मत्स्य सेतु” लॉन्च किया

केंद्रीय मत्स्यपशुपालन और डेयरी मंत्री ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम मोबाइल ऐप “मत्स्य सेतु” लॉन्च किया।

इस ऐप को आईसीएआर- केंद्रीय  मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-सीफा)भुवनेश्वर ने राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी)हैदराबाद के वित्त पोषण के साथ विकसित किया है।

ऑनलाइन पाठ्यक्रम ऐप का उद्देश्य देश के जलकृषकों के लिए नवीनतम मीठाजल कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना है।

मत्स्य सेतु ऐप में प्रजाति-वार / विषय-वार स्व-शिक्षण ऑनलाइन पाठ्यक्रम मॉड्यूल हैं, जहाँ प्रसिद्ध जलकृषि विशेषज्ञ कार्पकैटफिशस्कैम्पी, मर्रेल, सजावटी मछली, मोती की खेती तथा व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मछलियों के प्रजननबीज उत्पादन और ग्रो-आउट संवर्धन पर बुनियादी अवधारणाओं और व्यावहारिक प्रदर्शनों की व्याख्या करते हैं।

मिट्टी और पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बेहतर प्रबंधन पद्धतियों  का पालन करनाजलकृषि कार्यों में भोजन और स्वास्थ्य प्रबंधन भी पाठ्यक्रम मंच में प्रदान किया गया।

अतिरिक्त शिक्षण सामग्री के साथमॉड्यूल को शिक्षार्थियों की सुविधा के लिए छोटे वीडियो अध्यायों में विभाजित किया गया है। शिक्षार्थियों को प्रेरित करने और एक जीवंत सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिएस्व-मूल्यांकन के लिए प्रश्नोत्तरी / परीक्षण विकल्प भी प्रदान किए गए हैं।

प्रत्येक पाठ्यक्रम मॉड्यूल के सफल समापन परएक ई-प्रमाण पत्र स्वतः उत्पन्न किया जा सकता है। किसान ऐप के माध्यम से भी अपनी शंकाएं पूछ सकते हैं और विशेषज्ञों से विशिष्ट सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र का टिकाऊ और जिम्मेदार विकास के लिए सितंबर 2020 में  प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) की शुरुआत की थी।

पीएमएसवाई के तहत अतिरिक्त 70 लाख टन मत्स्य उत्पादनएक लाख करोड़ रुपये मत्स्य निर्यातअगले पांच वर्षों में 55 लाख रोजगार सृजन आदि के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार और हितधारकों के बीच सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों के साथ बहुआयामी रणनीतियों की आवश्यकता है।

यह ऐप देशभर में हितधारकोंविशेष रूप से मछुआरोंमछली किसानोंयुवाओं और उद्यमियों के बीच विभिन्न योजनाओं पर नवीनतम जानकारी का प्रसार करनेउनकी सहायता करने और व्यापार करने में आसानी की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण भी हो सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐप किसानों के लिए सीखने के लिए एक अद्भुत मंच के रूप में काम करेगा।

Keywords:- Online Course Mobile App “Matsya Setu”, Fish Farmers in India, National Fisheries Development Board (NFDB), ICAR-Central Institute of Freshwater Aquaculture, ICAR-CIFA, Catfish, Scampi, Murrel, Ornamental fish, Pearl farming

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button