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Video: हरदा से क्यों भिड़ रहे हरक सिंह

देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस की राजनीति बागियों पर केंद्रित हो गई है। पर, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से सियासी भिड़ंत के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। इससे पहले हरक सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच जुबानी जंग मीडिया में सुर्खियां बन रही थीं।

यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद बागियों को लेकर सियासी गर्माहट बढ़ गई है, पर इसमें सबसे ज्यादा रोचक बयानबाजी हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच हो रही है। कुल मिलाकर, यहां जनता के मुद्दे गायब हैं और राजनेताओं में अपनी-अपनी सीटों को बचाने या दूसरे विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की इच्छा ज्यादा है।

हरीश रावत ने बागियों को लेकर एक बयान में कहा था कि, उनकी सरकार गिराने वाले महापापियों को माफी मांगने पर ही कांग्रेस में एंट्री मिलेगी। इसके बाद हरक सिंह रावत ने हरदा को निशाने पर ले लिया।

पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और फिर हरीश रावत से मोर्चा लेने की वजह डोईवाला विधानसभा क्षेत्र को बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत डोईवाला सीट पर 2022 का चुनाव लड़ना चाहते हैं। पर, यहां पहले से ही सीटिंग विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत सक्रिय हैं। भाजपा में रहते हुए हरक सिंह के लिए सीट बदलना आसान टास्क नहीं होगा, क्योंकि भाजपा सत्ता में है और यहां हर सीट पर दावेदारों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं।

यशपाल आर्य की घर वापसी के बाद से माना जा रहा है कि कुछ और बागी भी, कांग्रेस में एंट्री ले सकते हैं। इसी अनुमान को लेकर हरदा के बागियों को लेकर बयान पर हरक सिंह क्यों मुखर हुए, इसके मायने समझे जा सकते हैं।

माना जा रहा है कि हरदा को निशाने पर लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह खेमे को पक्ष में करने की कोशिश की जा सकती है। क्योंकि, यशपाल आर्य को फिर से कांग्रेस में लाने का श्रेय प्रीतम सिंह को ही जा रहा है। वैसे भी, प्रीतम सिंह को बागियों की कांग्रेस में एंट्री से कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने तो हरीश रावत के बयान पर स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस में बागियों की एंट्री का फैसला हाईकमान को लेना है।

हरक सिंह और हरदा के बीच सियासी जंग और यशपाल आर्य की एंट्री से कांग्रेस में प्रीतम सिंह का कद बढ़ा है। इसके साथ ही हरदा की अकेले चलो की नीति, जो 2017 के चुनाव में भी अपनाई थी, से कहीं न कहीं उनके खिलाफ पार्टी में खेमेबंदी हो रही है।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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