Politics in Jungle
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कबीले में चुनाव-18ः नीम के घोल में डुबोकर तेज चलती है जुबान
राजेश पांडेय खरगोश की तबीयत थोड़ी नासाज है। वो बार-बार उल्टी कर रहा है। बहुत परेशान और बेचैन लग रहा…
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कबीले में चुनाव-16: प्रतिशोध की सियासत वाले अग्नि परीक्षा के पात्र नहीं हो सकते
राजेश पांडेय सियासी,सियासी हो चुका हिरन इस बार फिर हांफता हुआ खरगोश के पास पहुंचा। आते ही बोला, खरगोश जी,…
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कबीले में चुनाव-15ः न तो यहां कोई अभिमन्यु है और न ही चक्रव्यूह तो फिर शोर क्यों
राजेश पांडेय हिरन लंबी लंबी छलांगें लगाता हुआ खरगोश की तरफ आ रहा है। पहले कभी खरगोश ने हिरन को…
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कबीले में चुनाव-14ः धुआं उगल रही है गीले कोयले से गरमाई सियासत
राजेश पांडेय आज बहुत गर्मी हो रही है, घास चरने में व्यस्त खरगोश ने हिरन से कहा। हिरन बोला, सर्दियों…
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कबीले में चुनाव-11: पहाड़ में राज दरबार के सियासी वादे का सच क्या है
राजेश पांडेय खरगोश और हिरन मैदान में बैठे धूप सेंक रहे हैं। हिरन ने पूछा, दोस्त क्या तुम पहाड़ों की…
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कबीले में चुनाव-10ः बड़े महाराज की दो कदम आगे, एक कदम पीछे की सियासत
राजेश पांडेय कबीले के चुनाव पर पूरी नजर रखने वाले खरगोश और हिरन भी थोड़ा सा सियासी हो गए। सुबह-सुबह…
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कबीले में चुनाव -9: सवाल पर सवाल की सियासत
खरगोश अपने फुंकनी यंत्र के साथ घास के हरे मैदान में कभी इधर तो कभी उधर उछलकूद कर रहा था।…
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