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सीएम से संवाद में एसएचजी बोले, उन्नत मशीनों और उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था करा दो

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जनपदों के महिला स्वयं सहायता समूहों से बात की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के कार्यों और उनके समक्ष समस्याओं के बारे में जाना। साथ ही, उनसे जाना कि राज्य सरकार को और क्या सुधार करने चाहिए।

इस पर महिला स्वयं सहायता समूहों के सुझाव भी मिले। अधिकतर ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक उन्नत मशीनें उपलब्ध कराने  तथा उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का आग्रह किया।

अल्मोड़ा की भगवती स्वयं सहायता समूह की श्रीमती माया देवी ने बताया कि उन्होंने बकरीपालन के लिए 21 हजार रुपये का लोन लिया था। अभी तक 42 हजार रुपये की बकरी बेच चुकी हैं। अभी उनके पास 38 बकरियां हैं। उनके समूह में सात सदस्य बकरी पालन कर रहे हैं।

बागेश्वर की श्रीमती आशा देवी ने बताया कि उनका क्लस्टर सिलाई-बुनाई का कार्य कर रहा है। आर्डर पर सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए यूनिफार्म बनाई जा रही है। कलस्टर में 266 महिलाएं जुड़ी हैं। एक महिला को प्रतिमाह आठ से 10 हजार रुपये की आय हो रही है।

चमोली जिला के जोशीमठ की श्रीमती नर्मदा देवी ने बताया,उनका तपोभूमि क्लस्टर पंचबद्री के लिए प्रसाद बना रहा है, जिसकी ऑनलाइन बिक्री भी की जा रही है।

चंपावत में प्रगति संगठन लोहे की कड़ाई बना रहा है। लोहाघाट में इसके लिए ग्रोथ सेंटर बनाया गया है। इस कार्य से 40 महिलाएं जुड़ी हैं।

देहरादून के डोईवाला ब्लाक की सुश्री रीना रावत ने बताया कि उनका समूह मशरूम उत्पादन एवं फूड प्रोसेसिंग कर रहा है, जिससे अच्छा फायदा हो रहा है।

बहादराबाद, हरिद्वार की श्रीमती पूनम शर्मा  ने बताया कि उनका समूह हरिद्वार के विभिन्न मंदिरों के लिए प्रसाद बना रहा है।

नैनीताल की श्रीमती मुमताज ने बताया कि उनके क्लस्टर में अनेक ऑर्गेनिक उत्पाद बनाए जा रहे हैं, इससे 1500 महिलाएं जुड़ी हैं।

पौड़ी की श्रीमती बबीता ने बताया कि उनका उमंग कलस्टर मंडवे के बिस्कुट, लड्डू बना रहा है। ये उत्पाद आंगनबाड़ी केन्द्रों को सप्लाई किए जा रहे हैं।

ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग की श्रीमती सरिता देवी ने बताया कि उनका दुर्गा स्वयं सहायता समूह श्री केदारनाथ मंदिर के लिए प्रसाद एवं दुग्ध आधारित उत्पाद तैयार कर रहा है।

टिहरी से कुंजापुरी क्लस्टर से जुड़ी श्रीमती नीलम देवी ने बताया कि स्थानीय दालों, अचार एवं मसालों का कार्य किया जा रहा है। उनके क्लस्टर से 365 महिलाएं जुड़ी हैं।

खटीमा, ऊधमसिंह नगर की श्रीमती शिक्षा देवी ने बताया कि उनका समूह मुर्गी पालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन एवं सब्जी उत्पादन से संबंधित कार्य कर रहा है। हिमाद्री एवं सरस मार्केट के माध्यम से उत्पादों की बिक्री की जा रही है।

चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी की श्रीमती रीना रमोला ने बताया कि उनका अपर्णा स्वयं सहायता समूह एलईडी पर आधारित अनेक उत्पाद बना रहा है।

पिथौरागढ़ में राखी बृजवाल एवं विमला देवी ने बताया कि नारी शक्ति समूह बेकरी से संबंधित उत्पाद बना रहा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता की स्टोरी पर आधारित ग्राम्य विकास विभाग की पुस्तक का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद के चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित भी किया।

Keywords:- SHG Uttarakhand, Uttarakhand SHG, Uttarakhand Rajaya Aajivika Mission, Integrated Livelihood Support Project (ILSP), 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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