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हल्द्वानी में ₹ 778.14 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में ₹ 778.14 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया, जिसमें काठगोदाम रोडवेज बस टर्मिनल, आरटीओ कार्यालय व अन्य योजनाएं शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के 10 लाभार्थियों को चेक प्रदान किए। साथ ही, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लखपति दीदी योजना के अन्तर्गत 10 स्वयं सेवी संस्थाओं को 4 करोड़ 6 लाख 50 हजार रूपये के चेक प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत जनपद की 40 बालिकाओं को 10-10 हजार के चेक दिए गए।

समाज कल्याण विभाग ने 7 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइ साइकिल तथा 10 दिव्यांगजनों को व्हील चेयर दी।

कृषि विभाग ने 25 कृषकों को सम्मानित किया।

बनभूलपुरा घटना में पत्रकारों के दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त होने पर मुख्यमंत्री विवेकाधीन राहत कोष से ₹ 10 लाख का चेक प्रदान किया।

उत्तराखंड में ₹1055.57 करोड़ की 600 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

उत्तराखंडः Unused जमीन पर मंडुआ, झंगोरा के बड़े स्तर पर उत्पादन की योजना

किसी भी बच्चे को सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए मना किया तो खैर नहीं

निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावीः धामी

इस अवसर पर ईजा बैंणी महोत्सव पर आधारित वीडियो भी मुख्यमंत्री ने लांच किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित में नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और धर्मांतरण को लेकर कानून बनाए गए हैं, इससे युवाओं, महिलाओं के हित सुरक्षित होने के साथ देवभूमि के स्वरूप को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोडवेज बस टर्मिनल, आरटीओ कार्यालय, ड्राइविंग स्कूल का निर्माण होने से जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अब आम जनता को वाहनों से सम्बन्धित कार्यों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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