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जानिए, स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में उत्तराखंड के शहरों का क्या प्रदर्शन रहा

देहरादून नगर निगम और मुनिकी रेती नगर पालिका को मिले पुरस्कार

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 प्रदान किए। यहां 13 पुरस्कार विजेताओं को स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ छावनी, सफाई मित्र सुरक्षा, गंगा टाउन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणियों के अंतर्गत सम्मानित किया गया।

इस वर्ष सबसे स्वच्छ शहर पुरस्कार की श्रेणी में दो शहरों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया। बंदरगाहों के शहर सूरत ने भी इस बार इंदौर के साथ शीर्ष सम्मान हासिल किया, इससे पहले इंदौर ने लगातार 6 वर्षों तक अकेले शीर्ष स्थान हासिल किया था।

एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सासवड़, पाटन और लोनावला ने शीर्ष तीन स्थान हासिल किए। मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया।

वाराणसी और प्रयागराज ने सबसे स्वच्छ गंगा टाउन्स में शीर्ष दो पुरस्कार जीते।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणी में शीर्ष तीन पुरस्कार जीते। साथ ही चंडीगढ़ को सर्वश्रेष्ठ सफ़ाईमित्र सुरक्षित शहर का पुरस्कार मिला।

राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 के सभी वितेजाओं को बधाई देते हुए कहा, स्वच्छ भारत मिशन को लगातार आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और उनकी टीम की सराहना करती हूं।

वर्ष 2023 का विषय है ‘वेस्ट टु वेल्थ’, यह बहुत अच्छा और उपयोगी विषय है। आपकी इस सोच को आगे बढ़ाते हुए मैं कहना चाहती हूं कि ‘वेस्ट इज़ वेल्थ’, कचरे को कंचन में परिवर्तित करना है, समग्र स्वच्छता को दिव्य बनाना है। आप सब स्वच्छता से संपन्नता के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं और मिशन के द्वारा आत्म निर्भरता उत्पन्न कर रहे हैं, जो कि सराहनीय है। मुझे ये जानकर खुशी हुई है कि आप सभी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए रिड्यूस, रीयूज़ और रीसाइकल का विषय निर्धारित किया है।

स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में उत्तराखंड

स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में स्टेट बेस्ट परफार्मर्स श्रेणी में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में देहरादून और एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में मुनि की रेती को अवार्ड मिला है।

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यह है देहरादून नगर निगम का रिपोर्ट कार्ड

उत्तराखंड के ऋषिकेश नगर निगम की स्थिति

उत्तराखंड के डोईवाला नगर पालिका की स्थिति

उत्तराखंड के मुनिकी रेती नगर पालिका की स्थिति

स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 समारोह में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “आज भारत का हर शहर ओडीएफ है। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि एसबीएम एक सरकारी कार्यक्रम से शुरू होकर एक जन आंदोलन बन गया। यह मिशन अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण का प्रमाण है।” स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियों पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 में कचरे का केवल 15-16% वैज्ञानिक प्रसंस्करण होता था, जबकि आज यह संख्या लगभग 76% है, अगले 2 से 3 वर्षों में 100% हासिल किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में उन्होंने कहा, “2016 में मामूली शुरुआत से, आज स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण बन गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के अभ्यास को बढ़ावा दिया है और यह एक मजबूत थर्ड-पार्टी असिसमेंट है।

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए MoHUA सचिव मनोज जोशी ने कहा, “पिछले 9 वर्षों में स्वच्छता की दिशा में बहुत सारे ऐसे परिवर्तन हुए हैं, स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हर जगह और हर किसी के लिए शौचालय है। हमने देश का 90% हिस्सा साफ़ कर दिया है, बाकी 10% साफ़ करने की ज़रूरत है।”

उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की विशिष्टता पर जोर देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इसे ‘वेस्ट टु वेल्थ’ के सिद्धांत के साथ विकसित किया गया था। अपशिष्ट प्रबंधन में सर्कुलैरिटी को बढ़ावा देने और अपशिष्ट से मूल्य निकालने की क्षमता का दोहन करने के एसबीएम-यू 2.0 के उद्देश्य के साथ तालमेल बिठाने पर विचार करें।

2016 में 73 प्रमुख शहरों के मामूली मूल्यांकन से शुरू होकर वर्तमान संस्करण में 4477 शहरों तक अपनी पहुंच बनाने के बाद स्वच्छ सर्वेक्षण का महत्व भी तेजी से बढ़ गया है। इस वर्ष स्वच्छ शहर पुरस्कारों में लेगेसी डंपसाइट्स को खत्म करने, प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन करने, रिड्यूज, रीयूज, रीसाइक्लिंग के सिद्धांतों को लागू करने और सफ़ाईमित्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है।

स्वच्छ सर्वेक्षण (SS) 2023 ने कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया और मूल्यांकन 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं की टीम ने किया।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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