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डिग्री कॉलेजों में एडमिशन के लिए पांच सितंबर तक खुलेगा समर्थ पोर्टल

उच्च शिक्षा में प्रवेश से वंचित छात्रों को मिलेगा अंतिम मौकाः डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून। न्यूज लाइव ब्यूरो

सूबे के उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कारणों से प्रवेश लेने से वंचित रह गए छात्र-छात्राओं को प्रवेश हेतु आखिरी मौका दिया जायेगा। विभागीय अधिकारियों को आगामी 27 अगस्त से 5 सितम्बर 2024 तक पुनः समर्थ पोर्टल खोलने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पंजीकरण करा सकें। समर्थ पोर्टल पर शैक्षणिक सत्र 2024-25 हेतु स्नताक प्रथम सेमेस्टर के लिये 76030 जबकि परास्तनाक प्रथम सेमेस्टर के लिये 24895 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन पंजीकरण किया है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से किसी भी युवा को वंचित नहीं रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद, सीबीएसई एवं अन्य बोर्डों की परीक्षाफल सुधार परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश से वंचित एवं अन्य कारणों से प्रवेश नहीं ले पाने वाले छात्र-छात्राओं की आवश्यकता को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य विश्वविद्यालयों के परिसरों एवं उनसे सम्बद्ध समस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए अंतिम मौका दिया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को 27 अगस्त से 5 सितम्बर 2024 तक दोबारा समर्थ पोर्टल खोलने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. रावत ने बताया कि उक्त समयावधि में प्रवेश से वंचित रह गए छात्र-छात्राएं समर्थ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे और उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पंजीकरण में कोई समस्या न हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाने के दृष्टिगत विगत वर्ष समर्थ गवर्नेंस पोर्टल को लागू किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिये समर्थ पोर्टल पर अब तक स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए कुल 76030 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जिसके तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय में 31101, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय 31326 तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 13603 छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

इसी प्रकार, परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के लिए कुल 24895 छात्र-छात्राओं ने समर्थ पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय में 12249, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय 8193 तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 4453 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि कुल पंजीकरण के सापेक्ष अबतक परास्नातक कक्षा के लिए 9324 तथा स्नातक में 48251 छात्राओं ने प्रवेश लिया है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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