सरेंडर पॉलिसी और हिल इंडोसमेंट नियमावली पर भी विचार करेगी सरकारः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में कोविड-19 से प्रभावित परिवहन व्यवसायियों (चालक/परिचालक/क्लीनर) को सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता योजना का शुभारंभ किया। बस, टैक्सी यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
इस योजना के तहत प्रदेशभर के 1,03,235 चालक, परिचालक, क्लीनर को 2000 रुपए प्रतिमाह की दर से छह माह तक प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कोविड से प्रभावित हर वर्ग, हर व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ पहुँचाया जाए। कोविड के कारण सरकार को राजस्व प्राप्तियां भी सीमित हुई हैं, लेकिन सरकार साझेदार के रूप में काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरेंडर पॉलिसी और हिल इंडोसमेंट नियमावली पर भी विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम में सभी व्यवस्था की जा रही है, कोविड प्रोटकॉल का भी पूरा पालन चारधाम यात्रा में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल में ही एविएशन फ्यूल टैक्स में 18 प्रतिशत की कटौती करते हुए बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद भले ही हमारे राज्य को टैक्स का कुछ नुकसान उठाना पड़े, लेकिन प्रदेश के लिए यह फायदेमंद होगा।
एविएशन कंपनीज रिफ्यूलिंग और नाइट स्टे के लिए अधिक से अधिक प्रदेश का रुख़ करेंगी। एविएशन कंपनियों के मूवमेंट से इसका सीधा फायदा स्थानीय व्यवसायियों व टैक्सी संचालकों को लाभ होगा।
कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने परिवहन व्यवसायियों को दिए जा रहे इस आर्थिक पैकेज को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया। परिवहन मंत्री आर्य ने कहा कि प्रदेश में कोविड काल के बाद आर्थिक गतिविधियों पर काफी प्रभाव पड़ा है, सरकार ने सीमित संसाधनों के बावजूद परिवहन क्षेत्र के व्यवसायियों के हित में यह निर्णय लिया।
सचिव परिवहन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत पहले चरण में 36,100 परिवहन व्यवसायों को डीबीटी के माध्यम से राज्य सरकार आगामी छह माह तक दो हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता देगी। जिनमें 34,635 चालक, 930 परिचालक और 535 क्लीनर शामिल हैं।
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल बनाते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से राज्य के समस्त सार्वजनिक वाहनों के चालकों, परिचालकों एवं क्लीनर्स को उक्त पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के लिए आमंत्रित किया गया था। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का विभागीय स्तर पर सत्यापन करते हुए पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है।