DHARMAFeatured

पंडित अतुल कंडवाल का लेखः अर्पण, तर्पण, समर्पण का पर्व है पितृपक्ष

पितृ पक्ष 17 सितम्बर से दो अक्टूबर 2024 तक है

  • पं अतुल कंडवाल
  • स्वतंत्र विचारक, धर्मप्रेमी

हिन्दू धर्म में पितरों को विशेष स्थान है। सूर्य जब कन्या राशि में आता है, तब श्राद्ध पक्ष शुरू होता है। इस ग्रह योग में पितृलोक पृथ्वी के करीब होता है, यह ग्रह योग अश्विन कृष्ण पक्ष में बनता है। श्राद्ध पक्ष को महालय और पितृपक्ष के नाम से भी जाना जाता है। श्राद्ध पक्ष में अपने वंश परिवार, पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का अवसर प्राप्त होता है।

पितृ पक्ष 17 सितम्बर से दो अक्टूबर 2024 तक है।

अपनी क्षमता और श्रद्धा के अनुसार जरूर करें पितृ पूजन

पितृ पूजन से परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य पर देव, ऋषि, पितृ ऋण मुख्यतः होते है। पितृ‌ ऋण से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध‌पक्ष प्रमुख अवसर है।

पूजन, तर्पण, पितृ यज्ञ आप घर, तीर्थ गंगातट पर करा सकते हैं। शास्त्रों एवं लोकाचार के अनुसार, हरिद्वार में नारायणी शिला, चमोली जिले में श्री बद्रीनाथ धाम और बिहार में गया जी, ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट स्थित ऋषि कुंड पितृ पूजन के लिए विशेष महत्व रखते हैं।

विशेष पूजन
प्रजापति कश्यप सोम, वरुण तथा योगेश्वरों के रूप में स्थित पितरों को सदा हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। चन्द्रमा के आधार पर प्रतिष्ठित तथा योगमूर्तिधारी पितृगणों को मैं प्रणाम करता हूं।

इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा..!
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान्..!!

जो इन्द्र आदि देवताओं, दक्ष आदि सप्तर्षियों तथा दूसरों के भी नेता हैं। कामनापूर्ति करने वाले उन पितरों को मैं प्रणाम करता हूं। तथा सम्पूर्ण जगत के पिता सोम को मैं प्रणाम करता हूं।

मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा!
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि !!

जो मनु आदि राजर्षियों, मुनिश्वरों तथा सूर्य और चन्द्रमा के भी नायक हैं। उन समस्त पितरों को मैं जल और समुद्र में भी नमस्कार करता हूं।

नक्षत्राणां ग्राहणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा !
धावापृथिवोव्योश्रच तथा नमस्यामि कृताञजलि: !!

नक्षत्रो ग्रहों, वायु, अग्नि, आकाश और‌ पृथ्वी के भी‌ जो नेता हैं, उन पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। वे हमारे देवर्षियों के जन्म दाता, समस्त लोकों द्वारा वादित तथा सदा अक्षय फल के दाता हैं। उन पितरो को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। पितृ पक्ष संयमित जीवन और जीवित माता-पिता की सेवा का दिव्य पितृ‌ यज्ञ है।

पंडित अतुल कंडवाल वर्तमान में ऋषिकेश के पास मुनिकी रेती  में निवास करते हैं।  आप मूल रूप से गांव ठंठोली, पौड़ी गढ़वाल के निवासी हैं। आप प्रमुख भागवत कथा वाचक हैं।

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर मानव भारती संस्था में सेवाएं शुरू कीं, जहां बच्चों के बीच काम करने का अवसर मिला। संस्था के सचिव डॉ. हिमांशु शेखर जी ने पर्यावरण तथा अपने आसपास होने वाली घटनाओं को सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। जब भी समय मिलता है, अपने मित्र मोहित उनियाल व गजेंद्र रमोला के साथ पहाड़ के गांवों की यात्राएं करता हूं। ‘डुगडुगी’ नाम से एक पहल के जरिये, हम पहाड़ के विपरीत परिस्थितियों वाले गांवों की, खासकर महिलाओं के अथक परिश्रम की कहानियां सुनाना चाहते हैं। वर्तमान में, गांवों की आर्थिकी में खेतीबाड़ी और पशुपालन के योगदान को समझना चाहते हैं। बदलते मौसम और जंगली जीवों के हमलों से सूनी पड़ी खेती, संसाधनों के अभाव में खाली होते गांवों की पीड़ा को सामने लाने चाहते हैं। मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए ‘डुगडुगी’ नाम से प्रतिदिन डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे। यह स्कूल फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है। इसे फिर से शुरू करेंगे, ऐसी उम्मीद है। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी वर्तमान में मानव भारती संस्था, देहरादून में सेवारत संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker