दो बच्चे और बादाम
किसी शहर में रहने वाले दो बच्चे बाग में घूम रहे थे। दोनों दोस्त थे। उनमें से एक की नजर वहां पड़े बादाम पर पड़ी। वह उसकी ओर लपका ही था कि दूसरे दोस्त ने फुर्ती से वह बादाम उठा लिया। दोनों उस बादाम को खाना चाहते थे। एक ने कहा, सबसे पहले मेरी नजर बादाम पर पड़ी, इसलिए यह मेरा है। दूसरे ने कहा, यह मैंने उठाया, इसलिए यह मेरा है।
दोनों दोस्त आपस में जोर-जोर से बहस करते हुए बाग से बाहर आ गए। उनके बीच विवाद बढ़ने लगा और उनकी आवाज सुनकर एक युवक वहां पहुंचा। वह उन दोनों से कदकाठी में बड़ा था। उसने कहा, तुम आपस में क्यों झगड़ रहे हो। दोनों ने विवाद की वजह बता दी। उसने कहा, बस इतनी सी बात है। मैं तुम्हारा विवाद सुलझा देता हूं।
उसने पत्थर उठाया और बादाम के खोल को दो हिस्सों में तोड़ दिया। दोनों को खोल का एक-एक हिस्सा दे दिया और बादाम (फल) अपने मुंह में रख लिया। दोनों बच्चे उसे देखते रह गए। युवक ने दोनों से कहा, अब जाओ यहां से, तुम्हें बराबर हिस्सा दिया या नहीं। दोनों बच्चे निराश होकर वहां से चले गए। उन दोनों फिर किसी भी बात पर विवाद नहींं करने का संकल्प लिया, क्योंकि उनको कुछ नहीं मिला. जिस फल के लिए वो लड़ रहे थे, वो तो कोई तीसरा खा गया।