प्रत्येक बच्चे में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (Foundational Literacy and Numeracy) का कौशल विकसित करने के लिए चल रहा तीन दिन का अनुभवात्मक प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण शिविर राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में लगाया गया। शिविर में रायपुर ब्लॉक के शिक्षक शामिल हुए।
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रामगढ़ राजकीय प्राइमरी स्कूल की बेहतर शिक्षण पद्धति और प्रबंधन की बारीकियों को जाना

बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के कौशल के लिए शिक्षकों का तीन दिन का अनुभवात्मक प्रशिक्षण संपन्न

देहरादून। 21 अक्तूबर 2024

प्रत्येक बच्चे में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (Foundational Literacy and Numeracy) का कौशल विकसित करने के लिए चल रहा तीन दिन का अनुभवात्मक प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण शिविर राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में लगाया गया। शिविर में रायपुर ब्लॉक के शिक्षक शामिल हुए।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में छह-छह के पांच बैच में रायपुर ब्लॉक के कुल तीस शिक्षकों ने अनुभवात्मक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ के प्रधानाध्यापक एवं मास्टर ट्रेनर अरविन्द सिंह सोलंकी ने बताया कि भारत सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (FLN) कार्यक्रम चला रही है।

वर्ष 2026 तक पूर्व प्राथमिक (बाल वाटिका) से लेकर कक्षा दो अर्थात आठ वर्ष तक के प्रत्येक छात्र-छात्रा को उनकी कक्षा के अनुरूप बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में निपुण बनाना है।

इसी क्रम में, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ को इस वर्ष विकासखंड के अन्य शिक्षकों के अनुभवात्मक प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है।

प्रशिक्षण के दौरान इन गतिविधियों में शामिल हुए शिक्षक

प्रशिक्षण में अन्य विद्यालयों से आए शिक्षकों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ के भौतिक, शैक्षणिक, स्वच्छता, शिक्षण पद्धतियों, पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों, पीएम पोषण आदि गतिविधियों का अवलोकन कराया गया।

इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यालय के शिक्षकों, छात्रों, भोजन माताओं, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा अभिभावकों से बातचीत करके विद्यालय के बारे में समझना और विद्यालय की बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपने विद्यालय में शामिल करना है।

प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक दिवस के लिए अलग-अलग गतिविधियां निर्धारित की गई हैं। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों ने विद्यालय के भौतिक वातावरण एवं स्वच्छता को जाना।  निपुण भारत मिशन लोगो, स्लोगन, उद्देश्य, प्रतिज्ञा की जानकारी ली। संबंधित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कक्षावार कार्यों का अवलोकन किया।

इस दौरान शिक्षकों ने शिक्षण में प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, स्मार्ट टीवी, प्रिंटर के उपयोग के बारे में जाना। संसाधनों एवं अभिलेखों के रखरखाव के तरीके को समझा। पुस्तकालय, रीडिंग कॉर्नर, गणित कॉर्नर आदि के शिक्षण प्रक्रिया में उपयोग तथा छात्रों की उपस्थिति, पीएम पोषण, भोजन माताओं का छात्र-छात्राओं के प्रति व्यवहार, शैक्षणिक गतिविधियों में छात्रों तथा शिक्षकों की सहभागिता, शिक्षण में टीएलएम के उपयोग, विभिन्न नवाचार की जानकारी ली।

प्रशिक्षार्थियों ने निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों के अनुरूप विषयों एवं पुस्तकों पर बच्चों की समझ, निपुण अभ्यास पुस्तिकाओं पर बच्चों के कार्यों, खेल आधारित शिक्षण को लेकर छात्रों, शिक्षकों तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों से वार्ता की।

शिक्षकों के अनुभव

प्रशिक्षण में शामिल सभी शिक्षकों ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में प्रशिक्षण को लेकर अनुभव साझा किए, जो कि सकारात्मक रहे। उनका कहना है कि प्रशिक्षण बहुत उपयोगी रहा। यहां मिली जानकारियों एवं शिक्षण के खास तरीकों को अपने विद्यालयों में क्रियान्वित करेंगे।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की शिक्षिका डॉ. सुरेखा शर्मा ने कहा, प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में प्रशिक्षण के दौरान उनको विद्यालय की स्वच्छता, सुंदरता, शिक्षण तथा अन्य व्यवस्थाओं ने बहुत प्रभावित किया है।

प्राथमिक विद्यालय कारगी-2 की शिक्षिका पूनम बिष्ट ने कहा कि विद्यालय का भौतिक तथा शैक्षणिक वातावरण एवं अनुशासन सराहनीय है। विद्यालय में कराए जा रहे क्रियाकलाप सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

प्रशिक्षण में इनका सहयोग रहा

अनुभवात्मक प्रशिक्षण में प्रधानाध्यापक अरविन्द सिंह सोलंकी ने मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाई तथा विद्यालय के सहायक अध्यापकों उषा चौधरी, मीना घिल्डियाल, मधुलिका, वीरेंद्र उनियाल, डीएलएड प्रशिक्षु नवीन कुमार ने प्रशिक्षण में सहयोग प्रदान किया।

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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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