नई दिल्ली। खुफिया जानकारी पर राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने गुजरात एटीएस के साथ मिलकर एक कन्साइनमेंट की जांच की। इसे उत्तराखंड की एक फर्म ने कांडला बंदरगाह पर आयात किया था। यह कन्साइनमेंट ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट से कांडला बंदरगाह पहुंचा था। कन्साइनमेंट में 17 कंटेनर (10,318 बैग) शामिल थे, जिनका कुल वजन 394 मीट्रिक टन था। इसे “जिप्सम पाउडर” बताकर आयात किया गया था।
अब तक 205.6 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी गैर-कानूनी बाजारी कीमत 1439 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस कन्साइमेंट की गहरी छानबीन अभी बंदरगाह पर जारी है।
जांच-पड़ताल के दौरान हेरोइन मंगाने वाला उत्तराखंड के पंजीकृत पते पर नहीं मिला था। इसलिए, उसे दबोचने के लिये देशभर में उसकी खोज की जा रही थी। डीआरआई ने उसका पता लगाने के लिये देशभर में विभिन्न स्थानों पर दबिश डाली थी, वो लगातार अपना स्थान बदल रहा था और अपनी पहचान छिपाता फिर रहा था।
बहरहाल, लगातार कठिन प्रयासों का नतीजा सामने आया और पता चला कि वो पंजाब के एक छोटे से गांव में छुपा है। उसने विरोध किया और भागने की कोशिश की, लेकिन डीआरआई के अधिकारियों ने उसे धर-दबोचा।
अब तक की छानबीन के आधार पर डीआरआई ने उक्त आरोपी को एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया है और उसे 24 अप्रैल, 2022 को अमृतसर के ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। अदालत ने डीआरआई को उसकी ट्रांजिट रिमांड दे दी, ताकि अधिकारी भुज के सक्षम न्यायालय में उसको पेश कर सकें। मामले में आगे और जांच चल रही है।- पीआईबी