FeaturedInspirational story

400 लोगों की आंखों में उजाला ले आया लायंस क्लब ऋषिकेश, देवभूमि का महाअभियान

ऋषिकेश। लायंस क्लब ऋषिकेश, देवभूमि ने वर्ष 1986 से चल रहे नेत्रदान महाअभियान के तहत गुरुवार तक 400 लोगों की आंखों को रोशनी दिलाई है। अभी तक इस अभियान के तहत 200 मृतकों के नेत्रदान कराए जा चुके हैं।

गोपाल नारंग, चार्टर अध्यक्ष, लायंस क्लब ऋषिकेश, देवभूमि

लायंस क्लब ऋषिकेश, देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने बताया कि रामशरण चावला के निर्देशन में वर्ष 1986 से नेत्रदान का महाअभियान चल रहा है। महाअभियान में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो नेत्रदान के संकल्पपत्र भरा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 तक 50 लोगों के नेत्रदान कराए जा चुके थे। पूर्व में लोगों में नेत्रदान के प्रति जागृति नहीं थी। अधिकतर लोग नेत्रदान संकल्प के फॉर्म भरने से मना कर देते थे। पर, हम सभी ने लोगों को प्रेरित किया तो मुहिम रंग लाने लगी।

गोपाल नारंग बताते हैं कि अब तक 200 लोगों का नेत्रदान करा चुके हैं। पिछले मंगलवार, ऋषिकेश स्थित आर्यनगर निवासी सुश्री रेखा दत्ता का निधन हो गया था। नेत्रदान से जुड़े अरविंद माटा ने उनके परिजनों से स्वीकृति लेकर नेत्रदान महादान की टीम को सूचित किया।

उनकी सूचना पर नेत्रदान कार्यकर्ता और एम्स आई बैंक की नेत्रदान रेस्क्यू टीम को अशोक कालरा के साथ उनके निवास पर भेजा और नेत्रदान का पुनीत कार्य कराया।

नेत्रदान महादान (हरिद्वार ऋषिकेश)  रामशरण चावला ने बताया कि यह उनका 200 वां सफल प्रयास है, जो निरंतर चलता रहेगा। बताते हैं कि अभियान की शुरुआत में काफी दिक्कतें आई थीं। हमारा मजाक भी उड़ाया गया।

पहले एक- एक व्यक्ति को समझाना मुश्किल था, लेकिन वर्तमान में समाज  में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ी। अब उन्हें समझाना नहीं पड़ता, अपितु लोग स्वयं ही नेत्रदान के लिए संपर्क करते हैं। अभी तक देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, लुधियाना, कानपुर में नेत्रदान करा चुके हैं।

एम्स आई बैंक ,निर्मल आई बैंक , हिमालय अस्पताल, जौलीग्रांट आई बैंक के साथ-साथ राकेश रावल ,मधुसूदन, अनिल कक्कड़, प्रिंस मनचंदा,  विनय भाटिया, बिंदिया भाटिया, अश्वनी विश्वकर्मा ,रघुवीर तडि़याल सराहनीय सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button