- वैज्ञानिकों ने एक शोध में किया दावा
लंदन
त्वचा में एक खास प्रोटीन की कमी के कारण एक्जिमा होता है। एटोपिक एक्सिमा (चकते वाली खुजली) त्वचा की एक आम स्थिति है और अक्सर यह बच्चों में उनके जीवन के पहले साल में पाई जाती है। यह उनके वयस्क होने पर भी बनी रहती है। इसके गंभीर प्रभाव के रूप में स्वास्थ्य और नींद संबंधी विकार सामने आते हैं। वैज्ञानिकों ने हाल ही में किए एक शोध में यह दावा किया है। शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि प्रोटीन फिलाग्रीन के प्रभाव से त्वचा के दूसरे प्रोटीनों और कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है, नतीजतन एक्जिमा हो जाता है।
इंग्लैंड के न्यूकैसल विश्वविद्यालय के चर्म रोग के प्रोफेसर निक रेनॉल्डस ने कहा कि हमें पहली बार पता चला है कि फिलाग्रीन प्रोटीन की क्षति के कारण दूसरे प्रोटीन भी प्रभावित होते हैं, जो अंतत एक्जिमा को जन्म देता है। उन्होंने कहा, ”इस अध्ययन से फिलाग्रीन प्रोटीन की कमी के महत्व का पता चलता है, जिससे त्वचा के कार्यों में बाधा आ सकती है और कोई एक्जिमा से पीड़ित हो सकता है।” इस शोध का प्रकाशन ‘एलर्जी एंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी’ में किया गया। इस दल ने एक मानव प्रारूप प्रणाली विकसित की है। इस प्रारूप से शोधकर्ता प्रोटीन और संकेत के रास्तों को जान सकेंगे।