Jakhan river flood in Doiwala: सेबूवाला में जाखन नदी की बाढ़ से ध्वस्त हुआ मकान, दो दिन से फंसा है किसान दंपति
बाढ़ में फंसे दंपति अपने मवेशियों को अकेला छोड़कर नहीं आना चाहते, पानी कम होने का इंतजार कर रहे
Jakhan river flood in Doiwala:डोईवाला, 17 सितम्बर, 2025: सोमवार रात देहरादून जिला स्थित सिंधवाल ग्राम पंचायत के सेबूवाला गांव में भी जाखन नदी ने कहर बरपाया। जाखन की बाढ़ से मनवाल परिवार का एकमात्र मकान ध्वस्त हो गया। यहां रह रहे किसान देवेंद्र मनवाल और उनकी पत्नी गीता मनवाल खबर लिखे जाने तक अपने मवेशियों के साथ बाढ़ग्रस्त इलाके में फंसे हैं। बताया जाता है कि दोनों सुरक्षित हैं, पर उनके पास खाने पीने का सामान है या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। सोमवार की शाम से उनका फोन भी बंद चल रहा है।
डोईवाला तहसील के दूरस्थ गांव सेबूवाला जाने के लिए बहुचर्चित झील सूर्याधार होते हुए जा सकते हैं। थानो-भोगपुर के बीच स्थित पुल से बाई ओर जाने वाला रास्ता सूर्याधार झील तक पहुंचाता है। सूर्याधार झील से आगे कंडोली और वहां से ढलान पर घाटी में सेबूवाला गांव है, जिसके पास से जाखन नदी बहती है। लगता है, पहाड़ों से घिरे इस बेहद खूबसूरत गांव को नजर लग गई है।

Jakhan river flood in Doiwala: यहां एक मात्र भवन है, जो 16 कमरों का बताया जाता है। यह भवन आपदा में ध्वस्त हो गया। ध्वस्त हुआ घर नदी से काफी ऊंचाई पर था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नदी का जल स्तर कितना अधिक रहा होगा। बताया जाता है कि सोमवार की रात नदी का बहाव और जल स्तर बढ़ने पर देवेंद्र और गीता दोनों अपने पशुओं को लेकर सुरक्षित जगह पहुंच गए। अपने सामने उन्होंने ध्वस्त होते घर को देखा।
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देवेंद्र के बड़े भाई मेहर सिंह और उनकी पत्नी उर्मिला भोगपुर स्थित मकान में रहते हैं। उर्मिला मनवाल ने बताया, दो दिन पहले ही वो गांव गए थे और सास बैसाखी देवी को भोगपुर ले आए थे।
उर्मिला मनवाल का कहना है, गांव में ही फंसे देवेंद्र और गीता सुरक्षित हैं। उनके साथ एक भैंस और दो बैल भी हैं, इनको छोड़कर वो दोनों नहीं आ पा रहे हैं। हम पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं। बताती हैं, 2022 में कालबन मोटर मार्ग निर्माण का मलबा जाखन में डाला गया था। इससे उनके घर से कुछ दूर पहले जाखन में एक झील बन गई थी। उनका घर जाखन से काफी ऊंचाई पर था, पर नदी इतनी ऊंचाई तक बहने लगी, हमने कभी नहीं सोचा था। यह नदी में जमा सड़क निर्माण के मलबे की वजह से भी हो सकता है।
कंडोली गांव निवासी अशोक रावत ने बताया, देवेंद्र और गीता के साथ उनके मवेशी भी हैं। सोमवार शाम तक दोनों से फोन पर बात हो रही थी। शायद बैटरी खत्म होने की वजह से फोन बंद हो गया। बताते हैं, राहत दल ने भी इनसे बात की थी। राहत दल ने इनको बाहर निकलने में मदद करने की बात कही थी, पर दोनों ने पशुओं को छोड़कर नहीं आने को कहा है। फिलहाल पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है। इनके पास खाने पीने का कितना सामान है, इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। अशोक के अनुसार, जाखन के पार कैंपिंग साइट भी बाढ़ की चपेट में आ गई।
उधर, कांग्रेस के परवादून जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल ने बताया, जाखन में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने मंगलवार को बाढ़ ग्रस्त आपदा वाले कई इलाकों का भ्रमण किया था। जाखन ने सनगांव, कंडोली, सूर्याधार जाने वाला रास्ता ध्वस्त कर दिया है। उनियाल ने प्रशासन से जल्द से जल्द गांवों तक पहुंच बनाने की मांग उठाई है।













