डेंगू से जंगः स्वास्थ्य सचिव का कोटद्वार दौरा, सही जानकारी नहीं दे पाए डॉक्टर
कोटद्वार बेस अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में मिली खामियां
कोटद्वार। प्रदेश में डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य सचिव लगातार जिलावार डेंगू प्रभावित इलाकों के साथ ही अस्पतालों का भी दौरा कर रहे हैं। सबसे ज्यादा डेंगू प्रभावित देहरादून और हरिद्वार जनपद के बाद स्वास्थ्य सचिव का काफिला गुरुवार को पौड़ी जिले के कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र पहुंचा।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल का निरीक्षण किया। कोटद्वार बेस अस्पताल में स्वास्थ्य सचिव को कई खामियां मिलीं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को जल्द खामियां सुधारने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान डेंगू आइसोलेशन वार्ड में बेस अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन स्वास्थ्य सचिव के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई।
अस्पताल के निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कोटद्वार के कलालघाटी में मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नित भूमि का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमओ को भूमि की पैमाइश के साथ ही उक्त भूमि के चारों तरफ से बांउड्री बाल कराने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सचिव ने कोटद्वार बेस अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड, एमआरआई, एक्सरे समेत डेंगू आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। डेंगू आइसोलेशन वार्ड के निरीक्षण के दौरान वार्ड में भर्ती एक मरीज की प्लेटलेट्स अधिक कम होने पर वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. जेसी ध्यानी और सीएमएस डॉ. विजयेश भारद्वाज से जानकारी ली। स्वास्थ्य सचिव उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने मरीज के बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया। उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
उन्होंने अस्पताल के जच्चा-बच्चा कक्ष में भर्ती महिलाओं और वहां मौजूद आशा कार्यकर्ता से गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू की गई योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की। आशा कार्यकर्ताओं और संबधित अधिकारियों को लाभार्थियों तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए निर्देशित किया।
बेस अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में मिली खामियां
स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल की पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लैब में भारी खामियां मिलीं। लैब में मरीजों के प्लेटलेट्स की रिपोर्ट हाथ से लिखी जा रही थी, जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने रिपोर्ट को कम्प्यूटराइज्ड करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, डेंगू को लेकर लिए जाने वाले सैंपल की वायबिलिटी 24 घंटे होती है। रिपोर्ट संदिग्ध लगने पर पुनः पुष्टि करने के लिए सैंपल का उपयोग किया जा सकता है। इससे पहले लैब में इन सैंपलों को एक बार चेक करने के बाद नष्ट किया जा रहा था।
निजी लैबों की जांच के आदेश
स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ पौड़ी प्रवीन कुमार को कोटद्वार शहर की उन लैबों की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं, जिनमें डेंगू के टेस्ट हो रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया, जनपद पौड़ी में डेंगू के 121 केस हैं। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही डेंगू को लेकर एक वृहद अभियान चलाने जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर निगम समेत अन्य विभागों का साथ आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा, जिन स्थानों पर पांच से अधिक डेंगू के मरीज पाए जाएंगे, वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। घर-घर जाकर सोर्स रिडक्शन का कार्य किया जाएगा। शुक्रवार से सभी विभाग एक साथ मिलकर डेंगू को लेकर महाअभियान चलाने जा रहे हैं, जिसमें जिलाधिकारी आशीष चौहान और सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीन कुमार को निर्देशित किया गया है।
वहीं, स्वास्थ्य सचिव ने कोटद्वार दौरे के दौरान स्थानीय लोगों, समाजसेवियों व विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। बेस अस्पताल से संबधित उनकी समस्याओं को सुना तथा उनके सुझावों पर अमल का भरोसा दिया।