सीएम धामी ने उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री के सामने रखीं ये मांगें
कश्मीर की तर्ज पर 2000 करोड़ रुपये का बागवानी पैकेज मांगा
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों की जानकारी दी और राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए जीएसटी प्रतिकर अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया।
धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से उत्तराखंड में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की स्थापना का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री से कश्मीर की तर्ज पर 2000 करोड़ रुपये का बागवानी पैकेज दिए जाने का अनुरोध भी किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री से टीएचडीसी की अंशधारिता में उत्तर प्रदेश का अंश उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के लिए न्यायालय से बाहर सौहार्द्रपूर्ण समाधान के लिए केंद्र सरकार की विशेष पहल की मांग की। साथ ही, चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं मंडल के पौराणिक स्थलों व मंदिरों को तीर्थाटन से जोड़ने के लिए ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन’ तथा पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के संचालन को अनुमति देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि रेल मंत्रालय ने ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाइन के निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे के उपरांत डीपीआर तैयार कर ली है। प्रधानमंत्री से ऋषिकेश-डोईवाला रेलवे ट्रेक के निर्माण और देहरादून रेलवे स्टेशन को हर्रावाला स्थानांतरित करने की अनुमति की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना से आयुष पद्धति को बढ़ावा मिलेगा और यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि जौलिंगकांग के मध्य पांच किमी टनल और वेदांग से गो व सिपु तक 20 किमी सड़क निर्माण से तवाघाट से बेदांग तक का मार्ग कनेक्ट हो जाएगा। यह जौलिंगकांग एवं बेदांग की दूरी 161 किमी कम कर देगा। इसी प्रकार सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 किमी लंबाई की टनल के निर्माण से दारमा वैली और जोहर वैली एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। मिलम से लप्थल तक 30 किमी टनल के निर्माण से जनपद पिथौरागढ़ की जोहार घाटी व जनपद चमोली का लप्थल सड़क मार्ग से जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी से उक्त तीनों टनलों के निर्माण को स्वीकृति दिए जाने का भी अनुरोध किया।