एक दिन जरूर बिताइए उत्तराखंड के इस बायो टूरिज्म पार्क में
चमोली जिले के पीपलकोटी में आगाज फैडरेशन का बायोटूरिज्म पार्क हरियाली और पर्यावरण के संरक्षण की शानदार पहल है। यहां हरियाली काे बढ़ाने के लिए औषधि महत्व के पौधों और पेड़ों की तमाम प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी।यहां देशभर से लाई गईं बांस की 80 से अधिक प्रजातियों काे संरक्षित किया गया है।
बाय़ो टूरिज्म पार्क में प्रवेश करते ही सुकून और शांति का जो अहसास होता है, वह शहर की भागदौड़ वाली जिंदगी से लाख गुना बेहतर है। आगाज के बायोटूरिज्म पार्क में देशभर से लेखक, रिसर्च स्कॉलर, पर्यावरण प्रेमी और ट्रैकिंग के लिए आने वाले लोग कई दिन रुकते हैं। लेखकों और अध्य्यनशील लोगों को यहां का माहौल सृजन और सोचने में बड़ी मदद करता है।
बायो टूरिज्म पार्क में रूकने के लिए सुविधाओं से युक्त कॉटेज और हॉल हैं। जहां रिसर्च स्कॉलर और ट्रैकर्स समूहों में आकर रुकते हैं। विजिटर्स बुक यहां के शानदार अनुभवों से भरी पड़ी है।
बायो टूरिज्म पार्क से प्रकृति का शानदार दीदार करने का मौका भी मिलता है। सामने स्थित पर्वत श्रृंख्लाएं अद्भुत नजारा पेश करती हैं।
बायो टूरिज्म पार्क की सुबह और शाम के क्या कहने। पार्क की हरियाली और सामने स्थित पहाड़ों का सौंदर्य समां बांध देते हैं। एेसा माहौल देखकर मन करता है कि कुछ दिन और यहीं रुका जाए। आगाज फैडरेशन ने लगभग बंजर पड़ी भूमि को लगातार 12 साल की मशक्कत के बाद पार्क के रूप में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा मुकाम हासिल करने वाला बना दिया। यही नहीं यह उन लोगों के लिए बड़ा डेस्टीनेशन साबित होने लगा है, जो सुकून के लिए ठिकाना तलाशते हैं।
आगाज के अध्यक्ष जेपी मैठाणी बताते हैं कि बायो टूरिज्म पार्क का उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना है। यहां औषधिय पौधों को संरक्षित किया जाता है। यह पहाड़ पर जैवविविधता के संतुलन को बनाए रखने की दिशा में पहल है। पार्क का माहौल पर्यावरणीय नियमों के दायरे में रहकर पर्यटकों को सुकून देता है। रचनाकारों को कुछ नया सोचने, लिखने के लिए सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
फोनः 01372-266588
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