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मधुमक्खी और बच्चा
सर्दियों की सुबह बहुत अच्छी धूप थी। एक छोटा बच्चा बागीचे में फूलों को देख रहा था। वह फूलों को देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रहा था। अचानक एक छोटी मधुमक्खी आई और बच्चे की नाक पर बैठ गई।
मधुमक्खी के नाक पर बैठने से बच्चा काफी डर गया था। उसे डर लग रहा था कि कहीं मधुमक्खी उसे डंक न मार दे। वह स्थिर खड़ा रहा। तभी मधुमक्खी उसकी नाक पर से उड़ गई। बिना डंक मारे मधुमक्खी को उड़ता देख बच्चा हैरान हो गया।
मधुमक्खी ने जाते हुए उससे कहा, मुझे माफ करना दोस्त। मुझे लगा कि तुम फूल हो। यह कहकर मधुमक्खी उससे दूर जाकर सामने एक फूल पर बैठ गई।
कहानी संदेश देती है कि जब आप कुछ नया अनुभव करें तो सावधानी से सोचें और समझदारी से प्रतिक्रिया व्यक्त करें।