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स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन सुबह कर सकते हैं ये उपाय

पंच तत्वों से सृष्टि का निर्माण हुआ है और मानव शरीर भी इन्हीं पंच तत्वों से मिलकर बना है। जब तक शरीर में इन पंच तत्वों का संतुलन रहता है, तब तक मनुष्य स्वस्थ रहता है, परन्तु जब इनमें से किसी एक की कमी हो और शरीर में इनका संतुलन गड़बड़ा जाए तो अस्वस्थता का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर कमजोर, निस्तेज, आलसी, अशक्त तथा रोगी रहने लगता है।

इसलिए  कहा जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए इन तत्वों की उचित मात्रा शरीर में होनी चाहिए, इस दिशा में निरंतर प्रयत्न करते रहें। शरीर में जो कमी आए, उसे पूरा करते रहें।

योगशास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी तत्व में विभिन्न प्रकार के विषों को खींचने की अद्भुत शक्ति होती है। प्रतिदिन सुबह नंगे पैर टहलने से पैर और पृथ्वी का संयोग होता है।

पैरों के माध्यम से शरीर का विष जमीन में चला जाता है। ब्रह्ममुहूर्त में अनेक आश्चर्यजनक गुणों से युक्त वायु पृथ्वी से निकलती है, उसको शरीर सोख लेता है।

सुबह के सिवाय यह लाभ और किसी समय में प्राप्त नहीं हो सकता। अन्य समयों में तो पृथ्वी से हानिकारक वायु भी निकलती हैं, जिससे बचने के लिए जूता आदि पहनने की जरूरत होती है।

प्रातःकाल नंगे पैर टहलने के लिए कोई स्वच्छ जगह तलाश करनी चाहिए। हरी घास भी वहां हो तो और भी अच्छा। घास पर जमी हुई नमी पैरों को ठंडा करती है। वह ठंडक मस्तिष्क तक पहुंचती है।

किसी बगीचे, पार्क, खेल या अन्य ऐसे ही साफ स्थान में प्रतिदिन नंगे पांव कम से कम आधा घंटा प्रतिदिन टहलना चाहिए। साथ ही, यह भावना करते चलना चाहिए “मैं पृथ्वी की जीवनी शक्ति को शरीर में भर रहा हूँ और मेरे शरीर के विषों को पृथ्वी खींचकर मुझे निर्मल बना रही है।”

  • किसी भी उपाय से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

 

 

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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