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प्रधानमंत्री के दौरे से पहले स्वास्थ्य सचिव ने पिथौरागढ़ में जानी स्वास्थ्य सुविधाएं

पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के धीमे निर्माण पर स्वास्थ्य सचिव ने जाहिर की नाराजगी

पिथौरागढ़। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार इन दिनों कुमाऊं मंडल के चंपावत और पिथौरागढ़ दौरे पर हैं। चंपावत में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत परखने के बाद सोमवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. आर राजेश कुमार पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिथौरागढ़ जनपद के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक कर अहम निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इग्यारदेवी का निरीक्षण किया। यहां पर स्थित लैब का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए। विकास भवन स्थित सभागार में प्रधानमंत्री के जनपद आगमन की तैयारियों से संबंधित जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एचएस ह्यांकी से जिले के बाहर से आने वाली कार्डियक एंबुलेंस व स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की तैनाती के बारे में जानकारी ली और इस दौरान सभी कार्मिकों को अलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने जिले में सबसे अधिक ऑर्गन डोनर पर खुशी जताई। वहीं जनपद में आयुष्मान योजना की धामी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि योजना में जनजागरूकता को लेकर व्यापक कैंपेन चलाया जाए। जनपद में 100 फीसदी आयुष्मान कार्ड का लक्ष्य लेकर पूरी व्यापक कार्य योजना बनाई जाए। हर घर आयुष्मान कार्ड की सुविधा को लेकर अधिकारी-कर्मचारी कार्य करें। योजना के महत्व के बारे में आम जनमानस को बताएं, इससे मिलने वाले लाभों की जानकारी दें।

मेडिकल कॉलेज के धीमे निर्माण पर जाहिर की नाराजगी

इसके साथ ही, स्वास्थ्य सचिव ने पिथौरागढ़ जनपद के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था से निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। स्वास्थ्य सचिव ने कार्यदायी संस्था को मजदूरों और मशीनरी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही, हिदायत दी कि निर्माणकार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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