मसालों का शहर अब बना भारत का पहला सिटी ऑफ लिटरेचर
UNESCO ने 23 जून को कोझिकोड (Kozhikode) को भारत का पहला “सिटी ऑफ लिटरेचर” (साहित्य का शहर) का सम्मान दिया। कोझिकोड कई सांस्कृतिक हस्तियों का निवास रहा है, जिनमें दो ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता शामिल हैं। स्थानीय सिनेमा, संगीत और मीडिया हाउसों ने भी शहर के साहित्यिक और सांस्कृतिक वातावरण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोझिकोड, जिसे पहले कालीकट कहा जाता था, केरल के तट पर स्थित एक शहर है। यह 1498 में वास्को दा गामा के आगमन के लिए प्रसिद्ध है। कोझिकोड को कभी “मसालों का शहर” कहा जाता है, क्योंकि यह पूर्वी मसाला व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस शहर से पूरे भारत समेत दुनिया के अलग-अलग शहरों में मसालों का निर्यात किया जाता है। शहर का कोचिन पोर्ट मसालों के व्यापार के लिए जाना जाता है, जहां पूरी दुनिया से लोग मसालों की खरीददारी के लिए पहुंचते हैं। यही वजह है कि केरल को Land of Spices कहा जाता है।
कैलीको (Calico) एक प्रकार का हाथ से बुना हुआ सूती कपड़ा है, जो यहाँ से आता है। कोझिकोड की मिशकाल मस्जिद (Mishkal Mosque) बहुत पुरानी है, इसका निर्माण 1400 के दशक में हुआ था। यह शहर प्रसिद्ध मार्शल आर्ट शैली कलारिपयट्टु (Kalaripayattu) का भी उद्गम स्थल है। 2007 में एक सर्वेक्षण के अनुसार, कोझिकोड को भारत में रहने के लिए 11वां सर्वश्रेष्ठ शहर भी माना गया था।