ElectionFeaturedPoliticsUttarakhand

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने क्यों छोड़ी भाजपा

देहरादून। उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के एक बार फिर कांग्रेस में शामिल होने से उत्तराखंड कांग्रेस की राजनीति मजबूत होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। सवाल यह है कि आर्य भाजपा छोड़कर कांग्रेस में क्यों शामिल हुए। उनके घर वापसी से कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में क्या फायदा होने वाला है।

सोमवार को अपने पुत्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य के साथ नई दिल्ली में पत्रकार वार्ता में आर्य ने कांग्रेस को पवित्र मंदिर बताया और कहा कि मैं अपने परिवार में पूरे मनोयोग से पुनः शामिल हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि दलितों की आवाज को मजबूती देने के लिए कांग्रेस में आया हूं।

दरअसल, माना यह जा रहा है कि भाजपा में पिछड़े और दलित समाज के लिए कोई प्रभावी चेहरा नहीं है। वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद से यशपाल आर्य को उत्तराखंड सरकार में सम्मान तो मिला था, पर उनको भाजपा के आरएसएस एवं एबीवीपी की पृष्ठभूमि वाले कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उस तरह आत्मसात नहीं कर पा रहे थे, जैसा कि एक कैबिनेट एवं वरिष्ठ नेता को किया जाता है।

पूर्व में मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल बड़े चेहरों को सरकार में शामिल होने के बाद भी बाहरी समझा जा रहा है। यानी उनसे तालमेल नहीं बैठ पा रहा है।

वहीं. आर्य को कांग्रेस में उनको दलित एवं पिछड़े समाज के लिए प्रभावी चेहरे के रूप में जगह मिल रही है। पूर्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी एक बयान में इसके संकेत दिए थे, तभी से यह संभावना जताई जा रही थी कि यशपाल आर्य अपने पुत्र के साथ घर वापसी की तैयारी में हैं।

यशपाल आर्य के विधानसभा क्षेत्र बाजपुर में मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं और उनको सामान्य रूप से कांग्रेस के पक्ष में माना जाता है।

वहीं प्रेसवार्ता में आर्य ने कहा कि कांग्रेस मजबूत होगी तो लोकतंत्र मजबूत होगी। पूरी निष्ठा, ईमानदारी और पूरे मनोयोग के साथ काम करूंगा। कोई लालसा नहीं, जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, निरंतर काम करूंगा। जो दलित समाज, शोषित समाज की आवाज बनेंगे।हमारा लक्ष्य साफ है। हम चाहते हैं कि उत्तराखंड में आम आदमी की सरकार बनें।

उन्होंने कांग्रेस को पवित्र मंदिर बताते हुए कहा कि कांग्रेस में पुनः वापसी का दिन सुखद है। उनको सुखद अनुभूति हो रही है। उनको बहुत सुकुन मिल रहा है। वो अंतर्मन से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button