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सीएम ने 892 वन आरक्षी तथा 104 सहायक लेखाकारों को ज्वाइनिंग लेटर सौंपे

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र गढ़ी कैंट में वन विभाग के ‘नियुक्ति पत्र वितरण समारोह’ में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 892 वन आरक्षी तथा 104 सहायक लेखाकारों को ज्वाइनिंग लेटर सौंपे। चयनित 104 सहायक लेखाकारों में 59 वन तथा 45 तकनीकी शिक्षा विभाग से हैं।

वन विभाग के अधीन अप्रैल 2017 से अब तक समूह ग के विभिन्न 4406 पदों पर नियुक्ति की गई, जिनमें जुलाई 2021 से अब तक 2528 नियुक्तियां शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि त्वरित गति से विभागों में रिक्त पदों पर प्रदेश के होनहार नौजवानों को अवसर दिए जाएं। प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में भर्ती प्रक्रियाओं में हो रही धांधली को दूर कर हमनें भर्ती प्रक्रियाओं में व्यापक बदलाव किए हैं। हम भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगे।

उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित ‘वैश्विक निवेश सम्मेलन’ में ₹ 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं। इसमें 50 से अधिक देशों के निवेशक भी शामिल हैं, इससे प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर मिलेंगे।

इस अवसर पर वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव तकनीकी शिक्षा रविनाथ रमन तथा संबंधित अधिकारी और नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवा उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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