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अस्थमा व श्वास रोगों से बचाव करता है यह यंत्र

लंदन 


शोधकर्ताओं ने ग्रैफीन-आधारित सेंसर यानी संवेदक तैयार किया है , जो फेफडों में सूजन का पता लगाने में सहायक है। यह अस्थमा एवं श्वांस रोगों को नियंत्रित करने के लिए पहनने योग्य यंत्र बनाने की दिशा में एक बडा कदम है। शोधकर्ताओं की माने तो यह यंत्र अस्थमा का दौरा पड़ने का पूर्वानुमान और अस्थमा व अन्य श्वसन रोगों के प्रबंधन में सुधार कर सकता है। इसके साथ ही यह इन रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति से भी बचाव कर सकता है। अमेरिका के न्यूजर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रुंसविक के सहायक प्राध्यापक मेहदी जवांमर्द ने बताया कि हमारा लक्ष्य एक ऐसा उपकरण विकसित करना है जिसे अस्थमा या किसी अन्य श्वसन रोग से ग्रसित व्यव्ति अपनी गर्दन या कलाई पर पहन सकता है और यह समय-समय पर अस्थमा के दौरे या अन्य समस्याएं शुरू होने का अनुमान लगा सकता है।

Rajesh Pandey

मैं राजेश पांडेय, उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून का निवासी और 1996 से पत्रकारिता का हिस्सा। अमर उजाला, दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान जैसे प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों में 20 वर्षों तक रिपोर्टिंग और एडिटिंग का अनुभव। बच्चों और हर आयु वर्ग के लिए 100 से अधिक कहानियां और कविताएं लिखीं। स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों को कहानियां सुनाना और उनसे संवाद करना मेरा जुनून। रुद्रप्रयाग के ‘रेडियो केदार’ के साथ पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाईं और सामुदायिक जागरूकता के लिए काम किया। रेडियो ऋषिकेश के शुरुआती दौर में लगभग छह माह सेवाएं दीं। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया। बाकी जिंदगी को जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक, एलएलबी संपर्क: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड-248140 ईमेल: rajeshpandeydw@gmail.com फोन: +91 9760097344

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