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आपके इस अच्छे काम को सलाम दोस्तों

newslive24x7.com देहरादून के उन लोगों को सलाम करता है, जिन्होंने शनिवार सुबह एक एेसे व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जिसको वो जानते तक नहीं हैं। उनका और उस व्यक्ति के बीच का रिश्ता मानवीयता का है। मानवता ने एक व्यक्ति का जीवन बचा दिया। देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराए इस व्यक्ति को अगर सही समय पर इन समाजसेवियों का सहयोग नहीं मिलता तो शायद वो अस्पताल के बाहर ही दर्द से कराहते हुए दिनरात काट रहा होता।

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देहरादून के सरकारी कोरोनेशन अस्पताल के बाहर दिमारी रूप से कमजोर एक व्यक्ति को उत्तरांचल संयुक्त सर्व समाज संगठन और आरटीआई क्लब के सदस्यों ने अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। पशुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले राहत पशुचिकित्सालय के सक्रिय सदस्य कलम सिंह और अस्पताल के कर्मचारी ने इस व्यक्ति के बुरी तरह जख्मी पैरों से कीड़े निकालकर मरहम पट्टी की। आगाज फैडरेशन के अध्यक्ष जेपी मैठाणी ने अपनी फेस बुक वाल पर इस घटना का जिक्र किया है। मैठाणी बताते हैं  हॉस्पिटल में नर्स और प्रशिक्षित स्टाफ की कमी है। वह और समाज सेवी आरटीआई कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह थापा इस व्यक्ति के लिए कपड़े और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचे। मैठाणी बताते हैं कि उत्तरांचल संयुक्त सर्व समाज संगठन, और आरटीआई क्लब के सदस्यों ने कोरोनेशन की इमरजेंसी के अधिकारियों से बात की तो पता चला, वहां डॉक्टर ही नहीं हैं। अल्ट्रासाउंड मशीन है पर डॉक्टर नहीं है। फिजिशियन नहीं है, बर्न वार्ड में भी डॉक्टर की तैैनाती नहीं है। यह हाल राजधानी के अस्पताल का है। अंदाजा लगा सकते हैं कि पहाड़ के दूरस्थ इलाकों का क्या हाल होगा।

 

सोशल मीडिया पर मानवता के पहरुओं की प्रशंसा और सिस्टम पर तंज

Uma Bhatt बुरु हाल च ये उत्तराखण्ड कू इनको केजरीवाल से सीखना चाहिए कि वो किस तरह से मुहल्ला क्लीनिक खोल कर स्वास्थ्य सेवायें सुधार रहे हैं

 Monica Karki Banerjee JP gr8 work yar God bless ur team….
Nandini Sharma अन्धेर नगरी चौपट राजा।
Rajesh Pandey यह बहुत बड़ा काम किया है दोस्तो। ईश्वर आपको क्षमतावान बनाएं।
Trilok Chandra Bhatt सराहनीय कार्य, लेकिन उत्तराखण्ड का ईश्वर ही मालिक है……
Mohan Chauhan बहुत बुरा हाल है सरकारी सिस्टम का हम स्वयं इसका हिस्सा बनकर सिर्फ दुखी हो सकते हैं कभी.कभी खीज होती है खुद से…..बाजारवाद ने सबको अन्दर से खोखला कर दिया है भाई साहब इसलिए कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं दिखती सब लगे हैं अपने जुगाड़ में….
Mukesh Prasad Bahuguna अमानवीय तंत्र है
Sachin Chamoli इस सराहनीय कार्य के लिए साधुवाद।
Dhiru Pharswan उत्तराखंड में हर जगह यही अव्यवस्थता है। Ppl of  uttarakhand dreamt for a beautiful future after the state came into existence..See More
Kusum Pant Kya ye sab badal payega.ruk payegi sirf vote paane ki rajniti. Shayed Milkar ek baar nahi hajar baar same aana hoga aisi sadi gali vyvastha ke khilaf
 Purushottam Asnora उत्तराखण्ड में स्वास्थ सेवाओं का बहुत बुरा हाल है.
Jyotsana Pradhan Khatri जब तक सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और नेतागण स्वयं अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में नहीं करवाने लगेंगे, तब तक ये अस्पताल केवल गरीबों के लिए ही समझे जायेंगे और गरीबों का तो बस भगवान ही मालिक है…!!!
 नूतन डिमरी गैरोला बात अगर चिकित्सकों की अनुपलब्धता की हो तो सरकार से पूछिये कि क्यों नहीं वो संविदा चिकित्सकों को नियमित करती है..हर साल उनकी नौकरी ब्रेक करती है फिर कहती है चिकित्सकों की कमी है.. 
आपका कार्य सराहनीय है.
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Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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