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एम्स ऋषिकेश में पित्त की थैली में कैंसर की रोबोटिक सर्जरी

लगभग पांच घंटे तक चली यह जटिल सर्जरी पिछले महीने 22 दिसम्बर को की गई थी

ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने रोबोट तकनीक से एक ऐसे मरीज की सफल सर्जरी की,जिनकी पित्त की थैली में कैंसर बन चुका था और चीरे के माध्यम से सर्जरी बहुत ही जोखिमभरी थी। मरीज अब स्वस्थ है और उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

ऋषिकेश के मुनिकी रेती क्षेत्र निवासी 36 वर्षीय युवक लम्बे समय से पेट दर्द से परेशान था। अपनी बीमारी को उन्होंने कई प्राईवेट अस्पतालों में दिखाया, लेकिन उन्हें कोई आराम नहीं मिला। एम्स ऋषिकेश के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी में दिखाने पर उन्हें पता चला कि उनकी पित्त की थैली में कैंसर बन गया है और यह जिगर ( लीवर ) तक फैल चुका है।

कैंसर का आकार बड़ा होने के कारण उन्हें पहले मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में कीमोथेरेपी के लिए भेजा गया। कीमो के बाद दूसरी जांच में तय किया गया कि बीमारी के निदान के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है।

सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. निर्झर राकेश ने बताया कि पित्त की थैली के कैंसर का ऑपरेशन खुले चीरे से करना बहुत ही जटिल होता है। इसलिए यह जटिल ऑपरेशन रोबोट तकनीक से किया गया।

उन्होंने बताया कि लगभग पांच घंटे तक चली यह जटिल सर्जरी पिछले महीने 22 दिसम्बर को की गई थी। टीम के सदस्य और सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लोकेश अरोड़ा ने बताया कि पित्त के कैंसर का समय रहते इलाज नहीं हुआ तो यह बीमारी तेजी से शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाती है और मरीज का जीवन खतरे में पड़ जाता है।

उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज तेजी से रिकवर हो रहा है और स्वास्थ्य में सुधार को देखते हुए उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. निर्झर राज राकेश, डॉ.लोकेश अरोड़ा, डॉ. सुनीता सुमन, डॉ. मिथुन एवं डॉ. नीरज यादव और एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. अंकित अग्रवाल, डाॅ. अरूण और डाॅ. अरहान शामिल थे। जबकि रितेश, मनीष व सुरेश आदि नर्सिंग ऑफिसर्स का विशेष सहयोग रहा।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर आर. बी. कालिया ने इस सफल सर्जरी के लिए सर्जिकल एवं एनेस्थीसिया विभाग की टीम को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि एम्स में पेट रोग से संबंधित समस्या वाले रोगियों के लिए प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को गैस्ट्रो सर्जिकल ओपीडी नियमिततौर पर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित होती है।

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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