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इस तरह होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव

राष्ट्रपति का चुनाव पांच साल में एक बार होता है, सामान्य परिस्थितियों में आमतौर पर चुनाव जुलाई के महीने में होता है। भारत में राष्ट्रपति पद के लिए आम जनता वोट नहीं डालती है। जनता की जगह उसके प्रतिनिधि वोट डालते हैं। यह सीधे नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष चुनाव है।

राष्ट्रपति को राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि विधायक, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद चुनते हैं। राज्य सभा, लोक सभा, विधान सभा के मनोनीत सांसद और विधायक राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है।

विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है। आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसको 1000 से भाग किया जाता है। अब जो आंकड़ा आता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है। सांसदों के वोटों के वेटेज का गणित अलग है। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है।
लोकसभा और राज्य सभा के 771 सांसदों के कुल 5 लाख 45 हजार 868 वोट हैं। जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5 लाख 47 हजार 786 वोट। इस तरह कुल वोट 10 लाख 93 हजार 654 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट चाहिए।
केंद्र में सत्ताधारी भाजपा को शिवसेना, तेलुगू देशम पार्टी, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 14 अन्य दलों का समर्थन प्राप्त है। इस तरह उनके सांसदों और विधायकों के वोटों की संख्या 5,37,614 है। इसके बाद भी उनके पास जीत के लिए 11828 वोटों की कमी है। (एजेंसी)

Rajesh Pandey

उत्तराखंड के देहरादून जिला अंतर्गत डोईवाला नगर पालिका का रहने वाला हूं। 1996 से पत्रकारिता का छात्र हूं। हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश आज भी जारी है। लगभग 20 साल हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लिए सौ से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। स्कूलों एवं संस्थाओं के माध्यम से बच्चों के बीच जाकर उनको कहानियां सुनाने का सिलसिला आज भी जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। रुद्रप्रयाग के खड़पतियाखाल स्थित मानव भारती संस्था की पहल सामुदायिक रेडियो ‘रेडियो केदार’ के लिए काम करने के दौरान पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सामुदायिक जुड़ाव के लिए गांवों में जाकर लोगों से संवाद करना, विभिन्न मुद्दों पर उनको जागरूक करना, कुछ अपनी कहना और बहुत सारी बातें उनकी सुनना अच्छा लगता है। ऋषिकेश में महिला कीर्तन मंडलियों के माध्यम के स्वच्छता का संदेश देने की पहल की। छह माह ढालवाला, जिला टिहरी गढ़वाल स्थित रेडियो ऋषिकेश में सेवाएं प्रदान कीं। बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहता हूं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता: बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी संपर्क कर सकते हैं: प्रेमनगर बाजार, डोईवाला जिला- देहरादून, उत्तराखंड-248140 राजेश पांडेय Email: rajeshpandeydw@gmail.com Phone: +91 9760097344

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